मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में लोकायुक्त रीवा की टीम ने एक बड़ा एक्शन लिया है. लोकायुक्त की टीम ने आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता को एक लाख 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा. इस कार्रवाई के बाद प्रदेश भर में हड़कंप मच गया. लोकायुक्त ने फिलहाल कोई बयान जारी नहीं किया है. बताया जाता है कि जिला आबकारी अधिकारी ने यह रिश्वत शराब कारोबारी से जब्त शराब के मामले को रफा-दफा करने के एवज में मांगी थी.
शिकायतर्ता नृपेंद्र द्वारा इसकी शिकायत लोकायुक्त विभाग के पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह धाकड़ से की थी. पुलिस अधीक्षक ने जब इस मामले की जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई. जिसके बाद मंगलवार को कार्रवाई करते हुए आरोपी जिला आबकारी अधिकारी को उनके दफ्तर के कमरे में रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. ट्रैप कार्रवाई में प्रवीण सिंह परिहार उप पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र कुमार निरीक्षक समेत 12 सदस्य टीम शामिल रही.
अबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता 1 लाख 20 हजार की रिश्वत लेते अरेस्ट
बताया जा रहा है कि आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता द्वारा 30 हजार रुपये प्रति महीना के हिसाब से 4 महीने के लिए कुल 1 लाख 20 हजार रुपये की डिमांड की थी. जब शिकायतकर्ता नृपेंद्र द्वारा यह राशि लेकर रिनी गुप्ता को देने के लिए पहुंचा तो रिनी गुप्ता ने उसे आफिस बुला लिया. इसके बाद नृपेंद्र ने जैसे ही रिश्वत की राशि रिनी गुप्ता को दी तो पहले से आसपास मौजूद लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया.
रंगें हाथों पकड़े जाने के बाद रिनी रिनी रोने और गिड़गिड़ाने लगी
बताया गया है कि जैसे ही लोकायुक्त की टीम रीनी गुप्ता को रंगे हाथों पकड़ा तो रिनी रोने और गिड़गिड़ाने लगी. कहने लगी कि यह मेरी पहली गलती है, माफ कर दीजिए. लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी अफसर को फारेस्ट रेस्ट हाउस ले जाकर कार्रवाई कर रही है.