जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर गोलीबारी कर दी थी. जिससे 28 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से ही भारत सरकार एक्शन में है और पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले ले चुका है. इसी क्रम में सरकार देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को बाहर कर रही है. लेकिन मध्य प्रदेश में पाकिस्तानी पिताओं और इंडियन माताओं से पैदा हुए 9 बच्चों को लेकर असमंजस की स्थिति हो गई है. अधिकारी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि इन बच्चों का क्या किया जाए, उन्हें पाकिस्तान भेजा जाए या फिर देश में ही रहने दिया जाए.
मामले में MP सरकार ने केंद्र से मांगी है सलाह
एक एजेंसी के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि वे एक पाकिस्तानी व्यक्ति के मामले में भी समाधान की तलाश कर रहे हैं, जिसने केंद्र सरकार के आदेश से ठीक पहले 25 अप्रैल को भोपाल में लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) के लिए आवेदन किया था. शीर्ष अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि हमने भारतीय माताओं और पाकिस्तानी पिताओं से पैदा हुए 9 बच्चों के बारे में केंद्र से सलाह मांगी है. इनमें से चार बच्चे इंदौर में अपनी माताओं के पास हैं. जबकि तीन जबलपुर में और दो भोपाल में हैं. साथ ही हमने उस व्यक्ति के बारे में भी सलाह मांगी है, जिसने 25 अप्रैल को LTV के लिए आवेदन किया है.
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केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार इन 9 बच्चों सहित मध्य प्रदेश के कुल 14 लोगों को देश छोड़ना था. हालांकि इनमें से तीन भारत छोड़कर पाकिस्तान पहुंच गए हैं. एक व्यक्ति किसी मुद्दे के कारण दिल्ली में है. एक अन्य अधिकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार के वीजा पर 228 पाकिस्तानी नागरिक हैं.
आपको बता दें कि केंद्र ने सोमवार को कहा कि जो भी पाकिस्तानी निर्धारित समय सीमा के अनुसार भारत छोड़ने में विफल रहता है, उसे गिरफ्तार किया जाएगा और उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा. ऐसे में इन्हें तीन साल तक की जेल या अधिकतम 3 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है.
सरकार ने 25 अप्रैल को पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का दिया था आदेश
सरकार ने 25 अप्रैल को पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए व्यापार, सम्मेलन और यात्रा सहित 14 श्रेणियों के वीजा रद्द कर दिए. राज्य सरकारों को भेजे गए संदेश में गृह मंत्रालय ने कहा था कि यह आदेश पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) और राजनयिक व आधिकारिक वीजा पर लागू नहीं होगा.
गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार सार्क वीजा रखने वालों को 26 अप्रैल तक भारत छोड़ना था. जिनके पास आगमन पर वीजा, व्यापार, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, आगंतुक, समूह पर्यटक और तीर्थयात्री वीजा हैं, उन्हें 27 अप्रैल तक भारत छोड़ना था. इसके अलावा पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को दिए जाने वाले समूह तीर्थयात्री वीजा रखने वालों को भी 27 अप्रैल तक देश छोड़ देना चाहिए और जिनके पास चिकित्सा वीजा है, उन्हें 29 अप्रैल तक देश छोड़ना है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को कोई नया वीजा जारी नहीं किया जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 25 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी देश छोड़ने की निर्धारित समय सीमा से आगे भारत में न रहे.