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हमसे कलमा पढ़ने को कहा था, इनके सरगना को मारो...ऑपरेशन सिंदूर पर बोलीं सुशील नथैनील की पत्नी

पहलगाम हमले में मारे गए इंदौर के सुशील नथैनील की पत्नी ने ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिक्रिया दी है. हाथ जोड़कर खड़ी सुशील की पत्नी कहा- उन आतंकियों ने हर घर को तोड़ दिया. सरकार का कदम अच्छा है लेकिन आतंकियों के सरगना को पकड़ना चाहिए.

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ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोलीं सुशील नथैनील की पत्नी
ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोलीं सुशील नथैनील की पत्नी

पहलगाम के आतंकी हमले में 26 बेगुनाहों की हत्या के बाद भारत ने पलटवार किया है. भारत की तीनों सेनाओं ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत बड़ी कार्रवाई की है जिसमें पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को खत्म कर दिया है. भारतीय सेना ने 7 मई की आधी रात को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के ठिकानों पर एक साथ कई हमले किए. इन हमलों में 90 आतंकवादी मारे गए. ऐसे में देश के एक-एक नागरिक के दिलों में मानो सुकून आ गया है. इसे 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया है, जिसके मुख्य टारगेट जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा जैसे जिहादी ठिकाने थे, जो पिछले तीन दशकों से भारत पर बड़े आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहे हैं.

इसी पहलगाम हमले में मारे गए इंदौर के सुशील नथैनील की पत्नी ने ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिक्रिया दी है. हाथ जोड़कर खड़ी सुशील की पत्नी कहा- उन आतंकियों ने हर घर को तोड़ दिया. हमसे कलमा पढ़ने को कहा था. हम ईसाई हैं, हम जानते ही नहीं कि कलमा क्या होता है. सभी औरतों के पतियों को जिस तरह मारा गया उन आतंकियों को वैसे ही मारा जाना चाहिए.

अभी भी पति की मौत के गहरे सदमे में नजर आ रही सुशील की पत्नी बात करते हुए लगातार अपने गले की चेन को तेजी से खींच रही हैं. वह कहती है- हम निहत्थे थे. हमें मारने वाले कायर थे.  सरकार ने  आतंकियों पर हमला किया है लेकिन इनके सरगना को भी पकड़ना चाहिए जो इन आतंकियों को पढ़ा रहे हैं. हमने कोई गुनाह नहीं किया था . परिवार की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता है.हमने जो आंखों से देखा हम कैसे जिएंगे हमें नहीं पता.

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सुशील की पत्नी ने कहा- पाकिस्तान पर मिसाइल से किए गए हमले जरूरी थे. हम ईसाई हैं. हमने बचपन में आरएसएस को भी देखा है लेकिन वह धर्म केंद्रित नहीं है वह भारतीय संस्कृति सिखाता है. उन आतंकियों के चेहरे पर कोई भाव नहीं था. उनका ब्रेन वाश किया हुआ था. देश के हर नागरिके को धर्म से हटकर देश के काम आना चाहिए.

गौरतलब है कि बीते 22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम में घूमने पहुंचे लोगों को अपने आतंक का निशाना बनाया था. उन्होंने वहां 26 लोगों की जान ले ली जिसके बाद से पूरा देश क्रोध में था. जिन लोगों ने अपने पति, बेटे को खोया, उन सभी लोगों ने न्याय की मांग की और आज उनकी इस इच्छा को हमारी सेना ने पूरा कर दिया.  
 

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