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फूल उत्पादन में MP का डंका... गुना के गुलाबों ने लंदन-पेरिस तक बिखेरी महक, भोपाल की किसान हर महीने कमा रही ₹4 लाख

Flower Production in MP: गुना जिले के गुलाब की महक जयपुर, दिल्ली, मुंबई के बाद अब पेरिस और लंदन में भी पहुंच रही है. शिक्षित युवाओं के साथ गांव के किसान भी फूलों के उत्पादन की ओर आकर्षित हुए हैं. 

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MP ने फूलों के उत्पादन में देश में अलग पहचान बनाई है.
MP ने फूलों के उत्पादन में देश में अलग पहचान बनाई है.

मध्यप्रदेश ने फूलों के उत्पादन में देश में अलग पहचान बनाई है. देश में मध्यप्रदेश फूल उत्पादन में तीसरे स्थान पर है. गुना जिले के गुलाब की महक जयपुर, दिल्ली, मुंबई के बाद अब पेरिस और लंदन में भी पहुंच रही है, वहीं राजधानी भोपाल में एक महिला किसान फूलों से हर महीने 4 लाख रुपए कमा रही है.

सरकार का कहना है कि छोटी कृषि जोत वाले किसान, जिनके पास एक-दो या तीन एकड़ भूमि है, फूलों का उत्पादन कर अच्छा लाभ कमा सकते हैं. मध्यप्रदेश के उत्पादित फूलों की मांग देश के महानगरों के साथ विदेशों में भी बढ़ी है. 

गुना जिले के गुलाब की महक जयपुर, दिल्ली, मुंबई के बाद अब पेरिस और लंदन में भी पहुंच रही है. शिक्षित युवाओं के साथ गांव के किसान भी फूलों के उत्पादन की ओर आकर्षित हुए हैं. 

राजधानी भोपाल की ग्राम पंचायत बरखेड़ा बोंदर की रहने वाली लक्ष्मीबाई कुशवाह ने धान, गेहूं, सोयाबीन की खेती छोड़कर गुलाब, जरबेरा और गेंदा के फूलों का उत्पादन शुरू किया और हर महीने 3 से 4 लाख रुपये कमा रही हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनसे प्रदेश में फूलों का उत्पादन बढ़ा है.

मध्यप्रदेश में प्रमुख रूप से गेंदा, गुलाब, सेवंती, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा और औषधीय पुष्पों में इसबगोल, अश्वगंधा, सफेद मूसली और कोलिक्स का उत्पादन किया जाता है. प्रदेश में सर्वाधिक उत्पादन क्षेत्र गेंदा का है.

सूबे में 24 हजार 214 हेक्टेयर में गेंदे की खेती की जा रही है. दूसरे स्थान पर गुलाब 4 हजार 502 हेक्टेयर, तीसरे स्थान पर सेवंती 1 हजार 709 हेक्टेयर, चौथे स्थान पर ग्लैडियोलस 1 हजार 58 हेक्टेयर, पांचवें स्थान पर रजनीगंधा 263 हेक्टेयर और अन्य पुष्प 11 हजार 227 हेक्टेयर में बोए जा रहे हैं. 

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प्रदेश में फूलों की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 15.01 मैट्रिक टन है, जो फूलों के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है. इस उत्पादकता के लिए प्रदेश की जलवायु, मिट्टी, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और सरकार का सहयोग जिम्मेदार है. 

फूलों के उत्पादन, गुणवत्ता में सुधार और मार्केटिंग पर मध्यप्रदेश शासन का उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग लगातार काम कर रहा है. साल 2024-25 में उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र में 14 हजार 438 हेक्टेयर का विस्तार हुआ, जिसमें फूलों का रकबा 5 हजार 329 हेक्टेयर बढ़ा.

प्रदेश में 33 प्रतिशत से अधिक फूलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में उद्यानिकी विभाग की हाईटेक नर्सरी और प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को तकनीकी जानकारी प्रदान करना जारी है.

इसी कड़ी में केंद्र सरकार के सहयोग से ग्वालियर जिले में 13 करोड़ रुपए की लागत से हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी विकसित की जा रही है. यह नर्सरी मध्यप्रदेश में पुष्प उत्पादन के लिए वरदान साबित होगी. वह दिन दूर नहीं जब मध्यप्रदेश फूलों के उत्पादन में देश का सिरमौर बनेगा.

फूलों की खेती के आंकड़ों पर एक नजर:-

राज्य में उद्यानिकी के कुल 27.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फूल उत्पादन का क्षेत्र 42 हजार 978 हेक्टेयर है. साल 2024-25 में 5 लाख 12 हजार 914 टन फूलों का उत्पादन हुआ, जो रिकॉर्ड है. वह दिन दूर नहीं जब फूलों के उत्पादन में मध्यप्रदेश देश का सिरमौर बनेगा.

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प्रदेश में किसानों का फूलों के उत्पादन के प्रति बढ़ता रुझान है. पिछले चार वर्षों में फूलों का उत्पादन क्षेत्र, जो वर्ष 2021-22 में 37 हजार 647 हेक्टेयर था, वह 2024-25 में बढ़कर 42 हजार 976 हेक्टेयर हो गया और उत्पादन में 86 हजार 294 टन की बढ़ोतरी हुई.  

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