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एमपी पटवारी परीक्षा भर्ती पर लगी रोक, सीएम शिवराज ने गड़बड़ी के आरोपों के बाद लिया फैसला

एमपी की पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों पर छात्रों का विरोध जारी है. उन्होंने गुरुवार को भी अलग-अलग शहरों में कलेक्टर ऑफिस को घेर कर प्रदर्शन किया. वहीं विरोध बढ़ने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भर्ती पर रोक लगाते हुए जांच कराने की बात कही है.

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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने परीक्षा रोकने की घोषणा की (फाइल फोटो)
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने परीक्षा रोकने की घोषणा की (फाइल फोटो)

मध्‍य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा पर रोक लगा दी गई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी. उन्होंने लिखा- कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह 2 उप समूह 4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के  परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं. सेंटर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा.

वहीं सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान को घेर लिया. पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया- कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में धांधली के समाचार सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर, यह स्वीकार कर लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है. मैं मुख्यमंत्री से स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि कोई भी फैसला ऐसा होना चाहिए, जिसमें अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं हो.

उन्होंने आगे लिखा- नियुक्तियां रोकना एक बात है और असली दोषियों को पकड़ना दूसरी बात है. व्यापम और नर्सिंग घोटाले में भी सरकार ने इससे मिलती-जुलती कार्यवाही करके मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की थी और सत्ताधारी दल से जुड़े मुख्य साजिशकर्ताओं को बचाया था. मध्य प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि पटवारी भर्ती घोटाला के मुख्य कर्ता-धर्ता कौन हैं और उनका भारतीय जनता पार्टी से क्या संबंध है? और अगर संबंध है तो वह कानून के शिकंजे में कब आएंगे?

मामले में हो सीबीआई जांच

कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने खुद स्वीकार कर लिया कि पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी हुई है. अब खुद मुख्यमंत्री शिवराज जी ने स्वीकार किया है कि पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाला हुआ है, इसीलिए नियुक्ति तत्काल रोक दी है. इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाएं. उससे कम कुछ भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जब तक वास्तविक चेहरे बेनकाब नहीं होंगे, हम चुप नहीं रहेंगे. #PatwariScam

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इससे पहले भी कमलनाथ ने हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. कई टॉपर एक ही सेंटर पर परीक्षा देकर सफल हुए. व्यापमं, नर्सिंग, आरक्षक भर्ती, कृषि विस्तार अधिकारी और ऐसी कितनी ही भर्ती परीक्षाओं ने अंत में घोटाले का रूप लिया है. उन्होंने कहा था कि शिवराज सरकार से तो जांच की मांग करना भी बेकार है क्योंकि हमेशा बड़ी मछलियों को बचा लिया जाता है.

बीजेपी यह दे रही है सफाई

- गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि एमपी में 8000 से अधिक पटवारी परीक्षा में चयनित होकर आए हैं. 13 जिलों में सेंटर बनाए गए और 35 दिन परीक्षाएं चलीं. 70 से अधिक प्रश्न पत्र आए. कांग्रेस की तरफ से लगाए गए गड़बड़ी के सभी आरोप झूठे हैं, जिस सेंटर पर आरोप लगा रहे हैं, वहां से 114 लोग कुल सेलेक्ट हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस ने परीक्षा में गड़बड़ी का मामला उठाना शुरू कर दिया. यह पूरी तरीके से कांग्रेस की साजिश है.

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- बीजेपी विधायक संजीव कुशवाह ने कहा,'परीक्षा करवाने में कॉलेज का कोई रोल नहीं होता है. कॉलेज तो सिर्फ अपनी बिल्डिंग और कंप्यूटर उस एजेंसी को ठेके पर देते हैं जो एजेंसी परीक्षा करवाती है.'

पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप

पटवारी परीक्षा के परिणाम की घोषणा के बाद आरोप लगाया गया कि ज्यादातर टॉपर वो हैं, जिन्होंने ग्वालियर के एक एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी. इस पर शक तब और गहराया जब मंडल की तरफ से टॉपर्स की लिस्ट ही जारी नहीं की गई. छात्रों ने मांग की कि टॉपर लिस्ट जारी हो और किसने कहां पेपर दिया है ये भी बताया जाए. 10 जून को टॉपर लिस्ट जारी की गई. तब पता चला कि टॉप 10 में से 7 उम्मीदवारों ने ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी. इसी के बाद परीक्षा पर सवाल उठने लगे. इस मामले में 13 जुलाई को प्रदेश के कई शहरों में छात्रों ने प्रदर्शन किया.

 

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