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MP का जामताड़ा: 3000 की आबादी में 1300 ठग, कभी राजीव गांधी ने माथे से लगाई थी इस गांव की माटी

Cyber Thugs Village Like Jamtara: देश भर में साइबर क्राइम के लिए झारखंड का जामताड़ा कुख्यात है. लेकिन मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले का एक गांव भी तेजी से साइबर क्राइम के लिए बदनाम होता जा रहा है. जानिए मध्यप्रदेश का जामताड़ा क्यों बनता जा रहा है- थौना गांव.

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UP की सीमा से लगा MP का थौना गांव. (फोटो:Aajtak)
UP की सीमा से लगा MP का थौना गांव. (फोटो:Aajtak)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • MP का जामताड़ा बना थौना गांव
  • UP से सटा है MP का थौना गांव
  • पुलिस से बचने UP में घुस जाते हैं ठग

उत्तर प्रदेश से सटे निवाड़ी जिले में मौजूद मध्यप्रदेश के आखिरी गांव थौना के युवक मोबाइल के जरिए सायबर ठगी करने में लगे हैं. हैरत की बात यह है कि जब पुलिस ठगी की शिकायत मिलने के बाद यहां पहुंचती है, तब तक सभी बॉर्डर का फायदा उठाकर दूसरे राज्यों की ओर फरार हो जाते है. एक समय था जब इसी थौना गांव से इतने स्वतंत्रता सैनानी निकले थे कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस थौना गांव की माटी बुलवाकर अपने माथे पर टीका लगाया था, लेकिन अब यह अपने साइबर अपराधों के चलते एमपी के जामताड़ा के नाम से जाना जाने लगा है. 

निवाड़ी से 15 Km दूर मौजूद गांव थौना आता तो मध्यप्रदेश में है, लेकिन गांव में ही पड़ने वाला एक नाला मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है. थौना गांव के युवक यहां बैठकर ठगी करते हैं और जैसे ही पुलिस की भनक लगती है, तब तक ठगी करने वाले नाला पार कर उत्तर प्रदेश पहुंच जाते हैं. इन दोनों सीमा के बीच 100 मीटर का भी फर्क नहीं है, इसी का फायदा उठाकर खुलेआम धड़ल्ले से यहां के युवा मोबाइल पर अन्य राज्यों के लोगों से ठगी करते हैं. 

अपराध बढ़ा तो आबादी हुई कम

इसके चलते इस गांव में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों की पुलिस का आए दिन आना-जाना लगा रहता है. करीब 20 साल पहले गांव की आबादी 4500 लोगों की थी, लेकिन लेकिन अपराध बढ़ा तो आबादी कम हो गई. आज इस गांव की आबादी मतदाताओं के हिसाब से 2515 की है और 17 साल तक के बच्चों की आबादी 500 के करीब है. यह कहना गलत नहीं होगा कि करीब 3000 की आबादी वाले इस गांव के 1200 से 1300 लोग ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं.

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दूर के लोगों को बनाते हैं शिकार

गांव के ही तरीचर कलां थाना प्रभारी गौरव राजौरिया ने बताया, गांव के लोग लोकल स्तर पर ठगी नहीं करते. वह सागर, भिंड, मुरैना, श्योपुर के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लोगों से ठगी करते हैं.

जिले में कोई केस दर्ज नहीं 

पुलिस अधिकारी का कहना है कि निवाड़ी जिले में तो कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन दूसरे राज्यों और जिलों से पुलिस यहां पर ठगी की शिकायतें लेकर आरोपियों को पकड़ने आती है. यहां के युवा खुले खेतों में बैठकर मोबाइल के जरिये ठगी करते है.

OTP के जरिए ठगी 

स्थानीय पुलिस यहां पर सायबर अवेयरनेस को लेकर सतत अभियान चलाती है, बावजूद इसके इस गांव के युवा अन्य राज्यों में ठगी को अंजाम देते हैं.  साइबर ठग खुद को बैंक का कर्मचारी बताते हैं और मोबाइल धारकों से OTP समेत कई तरीकों से ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. 

UP में घुस जाते हैं साइबर ठग

जिले के एसपी तुषारकांत विद्यार्थी ने बताया कि पुलिस को लंबे समय अलग राज्यों से थौना गांव से सायबर अपराध की शिकायतें मिलती रही हैं. इसके बाद से पुलिस इस गांव में सायबर अवेयरनेस प्रोग्राम चलाती रहती है. थौना गांव यूपी बॉर्डर का गांव है. इस तरह की गतिविधियां को अंजाम देने में लोग दूसरे राज्यों की बॉर्डर का भी फायदा लेते हैं. अपराध कर दूसरे राज्यों में चले जाते हैं, जिसका फायदा उन्हें मिलता है.

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मकान भी तोड़े गए 

एसपी ने बताया कि यहां के जो भी अपराधी थे, उनके मकानों को भी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तोड़ा है. सभी को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस लगातार सख्ती भी कर रही है और उन्हें जागरूक भी कर रही है. 

 

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