
मध्य प्रदेश के खरगोन में जनपद पंचायत महेश्वर के वार्ड उपचुनाव में एक रोचक मामला सामने आया. महेश्वर जनपद पंचायत में अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी चूक के चलते वार्ड क्रमांक 7 की जगह वार्ड क्रमांक 9 में उपचुनाव करा दिए गए. पूरी प्रक्रिया संपन्न होने और एक उम्मीदवार के निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद जब प्रशासन की नींद खुली, तो आनंद-फानन में चुनाव निरस्त कर दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया. अब चुनाव की दोबारा प्रक्रिया शुरू की गई है.
जिले से 65 किमी दूर पर्यटन नगर महेश्वर की जनपद पंचायत में कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उपचुनाव को निरस्त करना पड़ा. दरअसल जनपद पंचायत के वार्ड क्रमांक 7 के जनपद पंचायत सदस्य मोहन मकवाले का आकस्मिक निधन हो गया था. इसकी जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को 30 सितंबर 25 को जानकारी भेजी गई कि वार्ड क्रमांक 9 रिक्त हो गया है. जबकि वार्ड 7 रिक्त हुआ था और इस पर उपचुनाव 15 दिसंबर को होना थे.
सभी प्रक्रिया वार्ड 9 में उपचुनाव की हुई. भाजपा ने पूरा जोर लगाया और सभी को सहमत कर एक नाम का चयन किया, और वो नाम था- अजय सिंह बारिया का. बारिया ने एक ही फॉर्म जमा किया गया. दोपहर 3 बजे तक एक ही फॉर्म जमा हुआ. 3 बजकर 20 मिनट पर एक फॉर्म जमा होने आया, लेकिन रिटर्निंग अफसर ने ये कहकर लौटा दिया कि फॉर्म जमा करने का समय खत्म हो गया है.
समय सीमा समाप्त होने तक दूसरा कोई फॉर्म नहीं आया, जिससे अभय बारिया की 'निर्विरोध' जीत तय मान ली गई. समर्थकों ने मिठाइयां बांटी और बधाई दी. लेकिन 16 दिसंबर को घोषणा से ठीक पहले पता चला कि पूरा चुनाव ही गलत वार्ड में हो गया है.

लापरवाही सामने आने पर जिला पंचायत सीईओ आकाश सिंह ने अभय सिंह बरिया का निर्वाचन निरस्त किया और दो अधिकारियों सहायक ग्रेड 3 अजय वर्मा, पंचायत समन्वयक अधिकारी, प्रभारी खंड पंचायत अधिकारी रामलाल बरसेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है.
निर्विरोध निर्वाचित हुए अभय सिंह बरिया का कहना है, ''मैं अभय बारिया क्रमांक 7 से उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित हुआ हूं. विक्रम भाई और अन्य साथियों के आशीर्वाद से मैं आज चुनाव जीत गया हूं और आने वाले समय में पार्टी जैसा कहेगी वैसा मैं करूंगा. बारिया का कहना है कि पूरी प्रक्रिया हो चुकी थी तब तक ऐसा क्यों हुआ कि किसी को जानकारी नहीं थी, जबकि मैंने जो जानकारी भरी है वे वार्ड क्रमांक 7 के लिए ही भरी है और रिटर्निंग ऑफिसर सहित सभी कर्मचारियों ने पूरी प्रक्रिया देखने के बाद फॉर्म जमा किया था. रसीद भी वार्ड क्रमांक 7 की ही थी. मेरा चुनाव हो चुका था. मुझे सब का समर्थन मिला था. अब दोबारा चुनाव होने से मुझे फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा. मेरी चुनाव आयोग से अपील है कि क्योंकि मैं निर्विरोध आ चुका था इसलिए मुझे जीता हुआ घोषित करना चाहिए.''
जनपद पंचायत महेश्वर सीईओ रीना चौहान का कहना है, ''यह बात सही है कि वार्ड क्रमांक 7 में चुनाव होने थे. लेकिन वार्ड क्रमांक 9 की जानकारी भेज दी गई. यहां के शाखा प्रभारी अजय वर्मा और पंचायत इंस्पेक्टर रामलाल बरसेना ने त्रुटिपूर्ण जानकारी भेजी थी. मेरे संज्ञान में यह जानकारी नहीं थी. ये जानकारी उनके हस्ताक्षर से भेजी गई. कहीं ना कहीं त्रुटि हुई है, इसलिए दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. चेक करके जानकारी भेजने के लिए मुझे बताई नहीं गई. रामलाल बरसेना ने खुद अपने हस्ताक्षर कर जानकारी भेज दी.''
मामले को लेकर महेश्वर के रिटर्निंग ऑफिसर और तहसीलदार कैलाश सस्तिया का कहना है, ''तहसील महेश्वर की जनपद पंचायत के वार्ड क्रमांक 7 में जनपद सदस्य का चुनाव होना था. लेकिन जनपद स्तर से जिला निर्वाचन कार्यालय को जो जानकारी भेजी जाती है, उसमें वार्ड क्रमांक 9 की जानकारी भेज दी गई, जिससे अधिसूचना का गलत प्रकाशन हो गया. इससे जनपद पंचायत का जो निर्वाचन होना था, उसे निर्वाचन आयोग ने निरस्त कर दिया. संबंधित कर्मचारी जिन्होंने गलत जानकारी भेजी थी, उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है.''
महेश्वर के भाजपा नेता विक्रम पटेल ने कहा, ''आज हमारे चोली गांव के जोन क्रमांक 7 से जनपद के उपचुनाव के सदस्य के रूप में अभय बारिया निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी के सभी सदस्यों ने एक मत होकर इन्हें समर्थन दिया और निर्विरोध निर्वाचित किया है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं और अभय जी को भी बधाई देता हूं.'