मध्य प्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) नई दिल्ली को एक बड़ी सफलता मिली है. कई महीनों की कड़ी मेहनत के बाद 10 साल से वांटेड इंटरनेशनल बाघ तस्कर यांगचेन लाचुंगपा को 2 दिसंबर 2025 को भारत-चीन बॉर्डर के पास लाचुंग, मंगन, उत्तर सिक्किम से गिरफ्तार किया गया है.
यांगचेन लाचुंगपा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ और पेंगोलिन के अवैध शिकार और बाघ की हड्डियों व पेंगोलिन के स्केल की नेपाल के रास्ते चीन में अवैध तस्करी करने वाले गिरोह में वांटेड थी. यह केस जुलाई 2015 में दर्ज किया गया था.
यांगचेन लाचुंगपा इंटरनेशनल बाघ तस्करी गिरोह की एक अहम कड़ी है, जिसका नेटवर्क भारत, नेपाल, भूटान और चीन तक फैला हुआ है.
STSF ने अब तक इस संगठित और इंटरनेशनल गिरोह के 31 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें पहले ही सजा मिल चुकी है. यह देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें शिकारियों से लेकर तस्करों तक पूरे गिरोह को पकड़ा गया है.
गिरोह के इंटरनेशनल नेटवर्क को देखते हुए भारत सरकार के अनुरोध पर इंटरपोल ने यांगचेन लाचुंगपा के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था, ताकि उसे किसी भी देश में पकड़ा जा सके.
STSF और WCCB की संयुक्त टीम ने बेहद कठिन हालातों और कम तापमान वाले इलाके में योजनाबद्ध तरीके से घेराबंदी कर यांगचेन को गिरफ्तार किया. गंगटोक अदालत से ट्रांजिट वारंट मिलने के बाद उसे 3 दिसंबर की रात मध्य प्रदेश लाया गया है.
अब आरोपी यांगचेन को नर्मदापुरम की अदालत में पेश कर रिमांड मांगी जाएगी, ताकि इस गंभीर मामले में अग्रिम विवेचना की जा सके. मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि इस उत्कृष्ट कार्य के लिए STSF टीम को पुरस्कृत किया जाएगा.