मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित अजाक्स (मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति–जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ) के प्रांतीय अधिवेशन के दौरान नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष और वरिष्ठ IAS अधिकारी संतोष वर्मा का एक बयान विवाद का कारण बन गया. उन्होंने ऐसा कुछ कहा कि सोशल मीडिया पर उनका बयान वायरल हो रहा और ब्राह्मण समाज नाराज़ हो गए हैं.
भाषण देते समय उन्होंने कहा कि “आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान में नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता.”
यह बयान सोमवार शाम वीडियो के रूप में वायरल हुआ और इसके बाद सामाजिक और राजनीतिक हलकों में नाराज़गी बढ़ गई.
अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्र ने टिप्पणी को बेटियों का अपमान बताया. उनका कहना था कि जब सरकार बेटी-बचाओ, बेटी-बढ़ाओ जैसे अभियानों पर ज़ोर दे रही है, तब एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा ऐसी भाषा का इस्तेमाल न सिर्फ अमर्यादित है, बल्कि पूरे समाज के सम्मान को ठेस पहुंचाता है.
ब्राह्मण समाज का कहना है कि यह टिप्पणी आरक्षण बहस को निजी रिश्तों से जोड़कर गलत दिशा में ले जाने वाली है और इससे समाज के बीच अनावश्यक तनाव बढ़ता है.
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वीडियो वायरल होने के बाद पूरे प्रदेश में इस बयान पर बहस तेज हो गई है और कई संगठनों ने IAS अधिकारी से स्पष्टीकरण और माफी की मांग की है.
हालांकि, अभी तक IAS अधिकारी संतोष वर्मा की ओर से कोई भी सफ़ाई इस बयान पर नहीं आई है. वहीं दूसरी ओर मामले को लेकर जल्द ही ब्राह्मण समाज भोपाल में विरोध-प्रदर्शन की रूपरेखा तय करेगा. संगठन के नेताओं ने कहा है कि अगर अधिकारी माफी नहीं मांगते, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.