MP News: ग्वालियर के मोहनपुर गांव इलाके से बीते 32 दिन से 3 साल का मासूम रितेश पाल लापता है. उसकी कथित किडनैपिंग मिस्ट्री को सुलझाने की जिम्मेदारी अब 'मजिस्ट्रेट महादेव' को सौंपी गई है. पुलिस से उम्मीद टूटने के बाद 'मजिस्ट्रेट महादेव' की आदलत ने परिजनों को फैसला सुनाया है.
दरअसल, महाराजपुरा स्थित गिरगांव में महादेव का प्राचीन मंदिर है. ग्वालियर-चंबल अंचल में इन्हें 'मजिस्ट्रेट महादेव' कहा जाता है और मजिस्ट्रेट महादेव के परिसर में लगती है उनकी अदालत. जहां कौन दोषी होगा? किसे मिलेगा न्याय? ये सब 'सुनवाई' के बाद तय होता है.
मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में इस बार 3 साल के मासूम रितेश पाल के अपहरण की अनसुलझी गुत्थी का मामला सुलझाने के लिए पहुंचा. मजिस्ट्रेट महादेव की आदलत में सुनवाई के लिए रितेश के पिता पक्ष और मां पक्ष के लोग भी पहुंचे.
मंदिर की मान्यता के तहत मंदिर के मौजूदा पंचों ने दोनों पक्षों को सुना. मां सपना का आरोप है कि रितेश के पिता जसवंत पाल ने ही उसका अपहरण या कोई अनहोनी घटना की है.
वहीं, पिता जसवंत ने मां सपना और उसके भाई सहित अन्य परिवारजनों पर वारदात करने का आरोप लगाया.
करीब 3 घंटे तक चली मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में दोनों पक्षो की दलीलों को सुना गया. छोटी मोटभ् नोकझोंक के बीच वक्त आया मंदिर की मान्यताओं को निभाने का. जिसके तहत 'मजिस्ट्रेट महादेव' के दरबार यानी गर्भग्रह में दोनों पक्षों को पंचों की मौजूदगी में पेश किया.
मासूम रितेश पाल की मां सपना, मामा, मामी के अलावा पिता जसवंत, दादा सहित संदेही रिश्तेदारों ने महादेव की धरम यानी कसम उठाई.
दोनों ने कसम उठाते हुए कहा कि मासूम रितेश के अपहरण या कोई भी घटना कारित करने, उसमें मदद करने में उनका कोई हाथ नहीं है. हालांकि, दोनों पक्षों की कसम से फिलहाल अभी यह साफ नहीं हो सका है कि आखिर रितेश कहां है?
रितेश की मां सपना पाल का कहना है कि पुलिस एक महीना बीत जाने के बाद भी उनके बच्चे को खोज नही पाई है. ऐसे में पुलिस से उम्मीद खत्म होने के बाद 'मजिस्ट्रेट महादेव' पर भरोसा किया है. महादेव के दरबार में उठाई गई कसम तय करेगी कि कौन लोग रितेश के अपहरण में दोषी या सहयोगी है?
पिता जसवंत पाल का कहना है कि 'मजिस्ट्रेट महादेव' ही अब न्याय करेंगे. दोनों पक्षों ने जो आरोप एक दूसरे पर लगाया, उसके बाद सभी ने पंचों की मौजूदगी कसम उठाई. यदि किसी ने भी झूठी कसम उठाई तो सजा का फैसला मजिस्ट्रेट महादेव करेंगे. दरअसल, रितेश के मां और पति अलग अलग रह रहे हैं. ऐसे में दोनों ने एक दूसरे पर बच्चे को गायब करने का शक जताया है.
मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में मुख्य पंच अमर सिंह ने कसम उठाने से पहले पंचनामा बनाया. दोनों पक्षों के दस्तखत हुए. फिर कसम उठाई गई.
50 हजार धरम की कसम
अमर सिंह का कहना है कि मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत ने 50 हजार रुपए का धरम तय किया. जिसके तहत कसम उठाने वालों के साथ यदि आने वाले 5 दिनों के अंदर 50 हजार कीमत से ज्यादा का कोई भी नुकसान या जनहानि होती है तो उस कसम उठाने वाले और उसके पक्ष को दोषी माना जाएगा.
पुलिस का कहना- जांच जारी है
इस अनसुलझी अपहरण मिस्ट्री के मामले में जांच कर रही IPS अफसर ASP अनु बेनीवाल का कहना है कि रितेश को लेकर विशेष टीम जांच कर रही है. शहर से लेकर जंगल तक में खोजबीन जारी है. सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए हैं. संदेहियों से सख्ती से पूछताछ भी की गई है. चूंकि वर्तमान में अभी जांच जारी है, ऐसे में जो भी अपडेट होगा, वह जल्द सबके सामने आएगा.
बता दें कि 3 साल का रितेश पाल 1 नवंबर को मोहनपुर गांव में अपने ननिहाल से अचानक लापता हो गया था. इसके बाद कई पुलिस जवान और अधिकारियों की टीम ने जंगल की खाक छानी, सर्चिंग की गई और हर एंगल से बच्चे को खोजने का प्रयास हुआ, लेकिन एक माह बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं. ऐसे में अब 'मजिस्ट्रेट महादेव' की अदालत में हुई सुनवाई के बाद देखना होगा कि पुलिस को कोई बड़ा क्लू मिलता है क्या?