मध्य प्रदेश की दमोह जिला अदालत ने फर्जी हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन जॉन केम को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने सोमवार को नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) से गिरफ्तार किया था. यह मामला दमोह के एक मिशनरी अस्पताल में 7 मरीजों की मौत से जुड़ा है, जहां आरोपी ने फर्जी मेडिकल डिग्री के आधार पर इलाज किया था.
दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया, "रविवार आधी रात को सीएमएचओ एमके जैन की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में FIR दर्ज की गई। हमारी टीम ने प्रयागराज में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया और दमोह लाकर अदालत में पेश किया।"
एसपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में आरोपी का मेडिकल प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 315(4), 338, 336(3), 340(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया.
CMHO जैन ने शिकायत में आरोप लगाया कि नरेंद्र यादव ने मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के बिना अस्पताल में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी जैसी प्रक्रियाएं कीं. एनएचआरसी को मिली एक अन्य शिकायत में दावा किया गया कि उसने ब्रिटेन के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर जॉन कैम के नाम का दुरुपयोग कर मरीजों को गुमराह किया, जिसके गलत इलाज से 7 मरीजों की मौत हुई.
जिला कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया कि मरीजों की मौत की जांच के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अलावा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम भी दमोह में इस मामले की अलग से जांच कर रही है. टीम बुधवार तक जिले में रहेगी और पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात करेगी.
NHRC सदस्य प्रियांक कानूनगो ने कहा, "यह गंभीर मामला है. फर्जी डॉक्टर द्वारा इलाज से मरीजों की जान गई."
उधर, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा, "हम इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग को प्रदेश भर में ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने और कठोर कदम उठाने को कहा गया है. हम केंद्र सरकार के संपर्क में हैं." (इनपुट: एजेंसी से भी)