मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जहरीली कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' पीने से 20 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में मुख्य आरोपी और तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मा कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन को एक स्थानीय अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
एमपी पुलिस का एक विशेष जांच दल (SIT) गोविंदन को 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजे जाने के बाद पूछताछ के लिए तमिलनाडु के कांचीपुरम ले गया था. हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद एसआईटी प्रमुख जितेंद्र सिंह जाट ने गोविंदन को परासिया कस्बे में एडिशनल सेशन जज गौतम गुर्जर के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
अधिकारियों के अनुसार, 'कोल्ड्रिफ' सिरप में जहरीला तत्व पाया गया था, जिसे पीने के बाद छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों के कम से कम 24 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो गई थी.
गोविंदन से पहले इस मामले में चार अन्य आरोपी भी न्यायिक हिरासत में हैं. इनमें एक छिंदवाड़ा के डॉ प्रवीण सोनी, जिन्होंने जहरीला सिरप लिखने का काम किया. दूसरे डॉ. सोनी के भतीजे राजेश सोनी, जो दवाओं के थोक विक्रेता हैं और तीसरे डॉ सोनी की पत्नी के मेडिकल स्टोर के फार्मासिस्ट सौरभ जैन.
SIT प्रमुख ने बताया कि कंपनी की फैक्ट्री को सील कर दिया गया है. इस मामले में पहले राज्य सरकार ने दो औषधि निरीक्षकों और एफडीए (FDA) के एक डिप्टी डायरेक्टर को सस्पेंड कर दिया था, साथ ही राज्य के ड्रग कंट्रोलर का तबादला भी कर दिया था.