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MP: गणपति को भोपाल में 'ईदगाह का राजा' बताने पर मुस्लिम समुदाय का कड़ा विरोध, हटाना पड़ा बैनर

Bhopal News: गणपति को 'ईदगाह के राजा' बताया गया था. मुस्लिम समाज ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया और आखिरकार आयोजकों को बैनर हटाना पड़ा.

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आपसी सहमति से हटाया गया पोस्टर.(Photo:ITG)
आपसी सहमति से हटाया गया पोस्टर.(Photo:ITG)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गणपति उत्सव का एक बैनर भारी बवाल का कारण बन गया. इस बैनर में गणपति को 'ईदगाह के राजा' बताया गया था. बैनर लगते ही मुस्लिम समाज ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया और आखिरकार आयोजकों को बैनर हटाना पड़ा.

भोपाल में गणपति के आगमन के एक बैनर ने विवाद खड़ा कर दिया है. सिंधु मित्र मंडल द्वारा स्टेट बैंक चौराहे के शहीद गेट पर लगाए गए इस पोस्टर में लिखा था- 'ईदगाह के राजा'. सोशल मीडिया पर इसके वीडियो और फोटो वायरल होते ही मुस्लिम समाज ने आपत्ति उठाने शुरू कर दी. 

स्थानीय निवासी अनवर पठान ने फेसबुक पर इस बैनर की फोटो अपलोड करते हुए लिखा, ''यह बोर्ड भोपाल गेट स्टेट बैंक चौराहे पर लगाया गया है. ईदगाह हिल्स के राजा हो सकते थे, ईदगाह का तो कोई राजा ही नहीं है. जिला प्रशासन से भोपाल पुलिस से मांग है कि इस बोर्ड को यहां से हटाया जाए. इस बोर्ड से समाज में रोष है. माननीय जिला कलेक्टर महोदय भोपाल पुलिस अनुरोध है कि इस पर थोड़ी सी रोशनी डालें जिससे समाज में कोई आपत्ति उत्पन्न न हो सके.''

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गणपति के पोस्टर का विरोध

दरअसल, पुराने शहर में मौजूद इस इलाके को ईदगाह हिल्स कहा जाता है, जहां पर मुस्लिम समाज ईद के मौके पर नमाज अता करते हैं. यही वजह रही मुस्लिम समाज को आपत्ति थी कि ईदगाह के राजा लिखना गलत था. हालांकि आपत्ति आने के बाद गणेश उत्सव समिति ने इस होर्डिंग को हटा दिया है. 

'ईदगाह की दुर्गा' के होर्डिंग लगाएंगे: संस्कृति बचाओ मंच

हालांकि, हिंदू संगठनों ने बैनर  हटाए जाने के बाद नाराजगी जताते हुए कहा कि आगे भी हम दुर्गा उत्सव के मौके पर 'ईदगाह की दुर्गा' के होर्डिंग भी लगाएंगे. साथ ही ईदगाह का नाम बदलकर 'गुरुनानक टेकरी' करने का भी सुझाव दे दिया है. 

संस्कृति बचाओ मंच के चंद्रशेखर तिवारी ने कहा, ''सनातन धर्म सबसे पुराना है और भगवान गणेश तो प्रथम पूज्य हैं, तो फिर उन्हे राजा कहने में आपत्ति क्यों होना चाहिए? वैसे भी उस जगह का नाम गुरुनानक टेकरी होना चाहिए, क्योंकि करीब 500 साल पहले गुरु नानक देव जी इस क्षेत्र में आए थे, इसलिए ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरु नानक टेकरी रखा जाना चाहिए.''

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