मध्य प्रदेश के कटनी की रहने वाली अर्चना तिवारी ने अपनी गुमशुदगी का प्लान खुद बनाया था और वही इस मामले की मास्टरमाइंड थी. भोपाल रेलवे एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने यह सनसनीखेज दावा किया है. लापता अर्चना को 19 अगस्त को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी नेपाल बॉर्डर के पास से सकुशल बरामद कर लिया गया है.
पुलिस जांच में सामने आया कि अर्चना के परिवार वाले उनकी शादी के लिए रिश्ते ला रहे थे, जिसमें एक पटवारी लड़के से उनका रिश्ता तय किया गया था, लेकिन अर्चना इससे खुश नहीं थी. उसे पढ़ाई छोड़कर शादी के लिए तैयार होने को कहा गया.
इस दौरान इंदौर में पढ़ाई के वक्त उनकी मुलाकात सारांश नाम के लड़के से हुई. अर्चना ने सारांश और तेजिंदर नाम के ड्राइवर के साथ मिलकर 6 अगस्त को हरदा में गायब होने की योजना बनाई.
प्लान के मुताबिक, अर्चना ने ट्रेन से गायब होने का नाटक किया, क्योंकि वह वकील होने के नाते जानती थी कि GRP में मामला दर्ज होने पर गहन जांच की संभावना कम होगी. तेजिंदर ट्रेन में इटारसी तक अर्चना के साथ गया और उसे अर्चना के कपड़े और मोबाइल दिए गए, ताकि वह मिडघाट के जंगल में इन्हें फेंककर पुलिस को गुमराह कर सके.
उधर, सारांश अपनी कार से इटारसी पहुंचा और अर्चना को वहां से ले गया. दोनों ने ऐसा रास्ता चुना, जहां टोल टैक्स या CCTV से बच सकें. वे शुजालपुर से बुरहानपुर, फिर हैदराबाद, जोधपुर, दिल्ली और अंत में नेपाल पहुंचे.
नेपाल में सारांश ने अर्चना को छोड़ दिया और वह शुजालपुर लौट आया. अर्चना ने अपनी कानूनी जानकारी का इस्तेमाल कर सावधानीपूर्वक योजना बनाई थी. उसने 10 दिन पहले ही मोबाइल का उपयोग बंद कर दिया था और नया फोन या सिम मध्य प्रदेश से नहीं लिया. यही नहीं, यात्रा के दौरान वह कार की सीट पर लेटी रही, ताकि CCTV में न दिखे.
पुलिस कांस्टेबल की कोई भूमिका नहीं: GRP
इसके अलावा, जांच में ग्वालियर के कांस्टेबल राम तोमर का नाम सामने आया, जिसने अर्चना का टिकट बुक किया था. राम तोमर की अर्चना से पहचान जबलपुर में प्रैक्टिस के दौरान हुई थी और वह चाहता था कि अर्चना ग्वालियर में प्रैक्टिस करे. हालांकि, अर्चना उससे परेशान थी और कांस्टेबल के द्वारा बुक किए गए टिकट के बावजूद कभी ग्वालियर नहीं गई.
नेपाल बॉर्डर से बरामद हुई अर्चना
GRP ने स्पष्ट किया कि अर्चना की गुमशुदगी में राम तोमर की कोई भूमिका नहीं है. अर्चना की लोकेशन ट्रेस होने के बाद GRP ने उसे नेपाल-भारत सीमा पर बुलवाया और लखीमपुर खीरी से बरामद कर भोपाल लाया.
बता दें कि इंदौर हाई कोर्ट में प्रैक्टिसिंग वकील और सिविल जज की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी 7 अगस्त को इंदौर से कटनी के लिए नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना हुई थी और रहस्यमयी ढंग से लापता हो गई थी. अब वह नेपाल-भारत बॉर्डर से बरामद हो गई है.