साहित्य आजतक 2017 के अंतिम दिन सातवें सत्र में मुशायरे का आयोजन किया गया. इस दौरान वसीम बरेलवी, मंजर भोपाली, आलोक श्रीवास्तव, शीन काफ निजाम, कलीम कैसर और शकील आजमी ने अपने शेऱ पढ़ें. आगे शायर कलीम कैसर ने मंच संभालते हुए पढ़ा - जरूरी है सफर, लेकिन सफर अच्छा नहीं लगताबहुत दिन घर पर रह जाओ तो घर अच्छा नहीं लगतामुसाफिर के लिए साथी बदलना भी जरूरी हैहमेशा एक ही हो हमसफर अच्छा नहीं लगता