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साहित्य आजतक: एक गांव जहां शिव समझ के लोग करते हैं काली की पूजा

साहित्य आजतक: एक गांव जहां शिव समझ के लोग करते हैं काली की पूजा

साहित्य आजतक के सीधी बात मंच के 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' सत्र उन घुमक्कड़ लेखकों के नाम रहा जिन्होंने यात्रा को लेखन में उतार कर हम तक पहुंचाया. द सफारी के लेखक संदीप भूतोड़िया, दर्रा-दर्रा हिमालय के लेखक अजय सोडानी और जेएनयू की प्रोफेसर और लेखिका गरिमा श्रीवास्तव ने इस सत्र में शिरकत की.

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