साहित्य आजतक के मंच पर राजेश रेड्डी एक शानदार शायर हैं. उनकी ग़ज़लों में जिंदगी के बेहतरीन रंग दिखते हैं. सुनिए साहित्य आजतक के मंच पर उनकी यह शानदार ग़ज़ल. मेरे दिल के किसी कोने में एक मासूम सा बच्चा, बड़ों की देखकर दुनिया, बड़ा होने से डरता है...
Rajesh Reddy Ghazal Mere Dil ke kisee kone me eka masoom sa bachchaa, badon kee dekhakara duniya bada hone se darata hai