'या अली...' फेम सिंगर जुबिन गर्ग का 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग दुर्घटना में निधन हो गया था. उनके निधन से पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा था. अब साहित्य आजतक 2025 के मंच पर जुबिन गर्ग को खास अंदाज में श्रद्धांजलि दी गई. मशहूर सिंगर पापोन और जुबली बरुआ ने जुबिन गर्ग से जुड़ी कई खूबसूरत यादें और किस्से साझा किए.
जुबली बरुआ को बहन मानते थे जुबिन गर्ग
दिवंगत सिंगर जुबिन गर्ग सिंगर जुबली बरुआ संग खास बॉन्ड शेयर करते थे. वो उन्हें अपनी छोटी बहन मानते थे. साहित्य आजतक 2025 के मंच पर जुबिन गर्ग को यादकर जुबली बरुआ इमोशनल हो गईं. उनकी आंखें नम हो गईं.
जुबिन गर्ग को याद करते हुए जुबली बरुआ बोलीं- मैं बचपन से गाना गाती हूं. मेरी मां ऑल इंडिया रोडियो आर्टिस्ट हैं. मैं जब चौथी क्लास में थी, तब जुबिन दा से पहली बार मिली थी. हम शोज में भी मिलते थे, वो हमारे घर भी आते थे. एक अच्छा फैमिली रिलेशन बन गया था.
'हमने पहला शो साथ में 2004 फरवरी में असम में किया था. ये जुबिन दा का शो था. उन्होंने फोन करके मुझे बुलाया था गाने के लिए. हम परिवार में जुबिन दा को गोल्डी बुलाते थे. हम लोगों ने साथ में कई गाने गाए थे.'
जब कड़कड़ाती ठंड में ड्राइवर के रूम में गुजारी जुबिन गर्ग ने रात
जुबली बरुआ बोलीं- 'उस दिन शो में कोई फीमेल सिंगर नहीं गाने वाली थी. इसलिए ऑर्गेनाइजर्स ने फीमेल सिंगर्स के लिए कोई अलग रूम बुक नहीं किया था. फरवरी का महीना था. बहुत ठंड थी, इसलिए रात को हम लोग वहीं रुकने वाले थे. जुबिन दा ने बोला कि तुम लोग मेरे रूम में रुक जाओ. हमने पूछा कि आप कहां रहोगे? तो उन्होंने कहा मेरी चिंता मत करो मेरे लिए रूम है. तुम लोग रुक जाओ.
'सुबह हम जुबिन दा के साथ ही वापस निकलने वाले थे. हमने उन्हें फोन किया तो उनका फोन भी नहीं लग रहा था. हम सारे रूम में उन्हें ढूंढते रहे. मगर वो कहीं नहीं मिले. फिर पता चला कि वो रात में अपने ड्राइवर के साथ छोटे से रूम में ही सो गए थे.'
'13 साल तक हम लोगों ने साथ काम किया. मैं बता नहीं सकती कि हमने क्या खोया है. असम के हर घर ने अपना बेटा अपना खोया है.' ये कहते हुए जुबली बरुआ इमोशनल हो गईं. उनकी आंखों से आंसू नहीं रुके.
जुबिन गर्ग के निधन के बाद असम के लोगों को संभालने का पापोन पर है प्रेशर?
दोस्त जुबिन गर्ग को लेकर सिंगर पापोन ने भी कई किस्से साझा किए. पापोन बोले- जुबिन गर्ग ने सिर्फ गाने ही नहीं गाए थे, वो लोगों से जुड़े हुए थे. उन्होंने जो रोल प्ले किया है, वो मैं नहीं कर पाऊंगा. लोग रो रहे हैं असम में. वो चाहते हैं कि असम में कोई रहे, क्योंकि वो जगह इतनी खाली हो गई है. मैं वहां रहूंगा, आता जाता रहूंगा.. मुझे असम को दुनिया में परिचय कराना है. वो भी मेरा काम है. प्रेशर मैं नहीं लेता हूं, क्योंकि हम बहुत ही अलग हम इंसान थे, अलग कलाकार थे, तो तुलना करने की जरूरत नहीं है. उनका काम असम के इतिहास में रह गया है और वो अमर रहेगा.
पापोन ने जुबिन गर्ग को किया याद
जुबिन गर्ग के बारे में पापोन आगे बोले- वो सबको प्यार करते थे. सबका ख्याल रखते थे. ग्राउंडेड थे. एक बेहतरीन इंसान थे. वो सिर्फ गाना गाने वाली आवाज नहीं थे. मेरे लिए वो दोस्त और भाई की तरह थे. रास्ते में सड़क पर कहीं भी मिल जाएं तो वो लोगों की मदद करने लगते थे. हम लोगों ने उम्मीद भी नहीं की थी कि वो ऐसे खत्म हो जाएंगे.'
पापोन ने जुबिन गर्ग को याद करते हुए उनका पॉपुलर गाना 'जाने का क्या चाहे मन बावरा... भी गाया. जुबिन गर्ग का ये गाना सुन स्टेडियम में कुछ वक्त के लिए खामोशी छा गई. हर कोई जुबिन गर्ग को याद करता दिखा.