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गोलगप्पे, गाजर का हलवा, छोले समोसे, स्मृति ईरानी को पसंद हैं दिल्ली के ये स्ट्रीट फूड

साहित्य आजतक 2025 के अंतिम दिन स्मृति ईरानी ने राजनीति और साहित्य से परे अपनी दिल्ली की फूड जर्नी पर खुलकर बातें कीं. उन्होंने गोलगप्पे, गाजर का हलवा और छोले-समोसे जैसे पसंदीदा स्ट्रीट फूड का ज़िक्र करते हुए उन दुकानों के नाम भी बताए, जहां वे बचपन से जाती रही हैं. ईरानी ने कहा कि जीवन की सबसे सरल चीजें गोलगप्पे, चाय, या मां की रोटी है जो किसी भी दिन को खूबसूरत बना देती हैं.

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स्मृति ईरानी ने बताया कहां मिलते हैं बेस्ट स्ट्रीट फूड  (Photo:Chandradeep Kumar)
स्मृति ईरानी ने बताया कहां मिलते हैं बेस्ट स्ट्रीट फूड (Photo:Chandradeep Kumar)

देश की राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित साहित्य के महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2025' के आखिरी दिन पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी शिरकत की. मंच पर उन्होंने बातचीत के दौरान दिल्ली के स्ट्रीट फूड और लजीज व्यंजनों को लेकर अपनी पसंद भी जाहिर की और लोगों को ये भी बताया कि दिल्ली में सबसे स्वादिष्ट गोलगप्पे, गाजर का हलवा, छोले समोसे कहां मिलते हैं.

दिल्ली के बेस्ट स्ट्रीट फूड का बताया पता

स्मृति ईरानी ने कहा कि उन्हें वो क्षण बेहद पसंद है जब आसपास मां के हाथों की बनी रोटी हो या फिर गोलगप्पा हो तो मेरा दिन अच्छा गुजरता है. उन्होंने दिल्ली में मिलने वाले सबसे बढ़िया और स्वादिष्ट गोलगप्पे का पता भी लोगों को बताया. 

स्मृति ईरानी ने कहा, 'दिल्ली में गोल डाकखाने के पास कलेवा नाम की एक दुकान है, लेडी हार्डिंग के पास छोटा सा खोमचा लगता है, मेरे पिता जी मुझे बचपन से वहां लेकर जाते थे, आज भी वो वहीं है. उसके गोलगप्पे और कलेवा का गाजर का हलवा. वो खाइये तो स्वर्ग को पाइये ये मेरा मानना है.'

'एक कप अच्छी चाय भी सुख'

इसके बाद उन्होंने दिल्ली-एनसीआर में मिलने वाले बेस्ट छोले-समोसे का भी पता बताया. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या यहां कोई गुरुग्राम से है. फिर उन्होंने कहा, 'वहां 'किशन दी हट्टी' है. वहां जाकर गर्म-गर्म समोसे के साथ छोले खाइये, डोडा खाइये मन प्रसन्न हो जाएगा.' 

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स्मृति ईरानी ने कहा, 'जीवन इतना मुश्किल नहीं है लेकिन हम उसे मुश्किल बना देते हैं.' उन्होंने कहा, 'जीवन में सुख एक अच्छी प्याली चाय से भी मिल सकती है. ये वो देश है जिसमें आप एक साधारण चाय की प्याली से दिन की शुरुआत कर सकते हैं और पूरा दिन 'चायवाले' प्रधानसेवक की सेवा पा सकते हैं.'

जो मिला वही सौभाग्य: स्मृति ईरानी

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें जीवन में किसी एक काम को करने को लेकर मलाल है जिसे वो अब तक नहीं कर पाई हैं ? इसके जवाब में उन्होंने कि उन्हें अब तक जो मिला है उसे वो अपना सौभाग्य समझती हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आता कि लोग इस बात से इतने विचलित क्यों है कि मैं खुश हूं.'

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