साहित्य आजतक 2019: नवीन चौरे ने अपनी कविता से दिया संदेश, पेड़ लगाओ
आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग करने वाले नवीन चौरे की मॉब लिंचिंग पर लिखी एक कविता सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रही है. इस सेशन में नवीन चौरे ने अपनी कई कविताएं भी सुनाईं.
Advertisement
X
साहित्य आजतक के मंच पर कवि नवीन चौरे (फोटो: विक्रम शर्मा)
'साहित्य आजतक 2019' शुक्रवार (1 नवंबर) को शुरू हुआ था
इस बार कई भारतीय भाषाओं को किया गया है शामिल
साहित्य का सबसे बड़ा महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019' शुक्रवार (1 नवंबर) को शुरू हुआ था. कार्यक्रम का आज तीसरा और अंतिम दिन है. तीसरे दिन 'साहित्य आजतक' के 'हल्ला बोल' मंच पर 'सीधी बात' सेशन में कवि नवीन चौरे ने अपनी बात रखी. यहां आपको बता दें कि IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग करने वाले नवीन चौरे की मॉब लिंचिंग पर लिखी एक कविता सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रही है. इस सेशन में नवीन चौरे ने अपनी कई कविताएं भी सुनाईं. मंच से नवीन ने 'साहित्य आजतक' की जमकर तारीफ की और इसके साथ ही आजतक के इस प्रयास को भी जमकर सराहा.
दिल्ली पर सुनाईं कुछ लाइनें
नवीन ने आगे सीधी बात करते हुए कहा कि कुछ बात दिल्ली पर भी हो जाए. दिल्ली के बारे में उन्होंने कुछ लाइनें भी कहीं, "पत्थरों में सहेजी है एक मासूम मिल्कियत, गैरों से भी हम रूह का राब्ता रखते हैं. कहते हैं संगो दीवार और परिंदे दास्तां, दिल्ली के दिल में बसा के हम खुदा रखते हैं."
नवीन ने कहा कि मैं होशंगाबाद में रहता हूं नर्मदा के किनारे वहां फ्रेश हवा मिलती है. दिल्ली के लोगों को फ्रेश हवा के बारे में पता ही नहीं है. इस पर भी उन्होंने कुछ लाइनें कहीं, मरघट का उपवास नहीं है... पेड़ लगाओ, दो इंची भी घास नहीं है... पेड़ लगाओ. अगली पीढ़ी आप सभी से बोल रही है, और किसी से आस नहीं है... पेड़ लगाओ. बूढ़ा बरगद बस पन्नों तक सिमट चुका है, इसका भी आभास नहीं है... पेड़ लगाओ." बहुत चीजें हैं जो हम ठीक कर लेंगे. लेकिन पर्यावरण ऐसी चीज है जो ठीक नहीं रही तो हम ही नहीं बचेंगे तो उसे हमें रहते-रहते ही ठीक कर लेना है.
गांव पर बात करते हुए नवीन ने अपनी कविताएं की लाइनें पढ़ीं, "आइए महसूस करिए जिंदगी के ताप को मैं चमारों की गली तक ले चलुंगा आपको. जिस गली में भुखमरी की यातना से ऊब कर मग गई फुलिया बिचारी एक कुएं में डूब कर..." अंत में नवीन और उनके साथियों ने 'आदम के लौंडे' नाम से एक शो का मंचन भी किया.
साहित्य आजतक कार्यक्रम का आयोजन इस बार भी दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में किया गया है. तीन दिन तक चलने वाले साहित्य के महाकुंभ साहित्य आजतक में कला, साहित्य, संगीत, संस्कृति और सिनेमा जगत की मशहूर हस्तियां शामिल होंगी. बता दें कि साल 2016 में पहली बार 'साहित्य आजतक' की शुरुआत हुई थी. साहित्य आजतक कार्यक्रम के आयोजन का यह चौथा साल है.
इस बार कई भारतीय भाषाओं को किया गया है शामिल
इस बार साहित्य आजतक में कई और भारतीय भाषाओं के दिग्गज लेखक भी आ रहे हैं. जिनमें हिंदी, उर्दू, भोजपुरी, मैथिली, अंग्रेजी के अलावा, राजस्थानी, पंजाबी, ओड़िया, गुजराती, मराठी, छत्तीसगढ़ी जैसी भाषाएं और कई बोलियां शामिल रहीं.