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औरत के तो विचार व्यक्त करने पर ही असहज हो जाते हैं मर्द: शुनाली खुल्लर श्रॉफ

साहित्य आजतक 2019 में लेखिका शुनाली खुल्लर श्रॉफ ने कहा कि औरत जब आम धारणा से अलग सोचती है तो मर्द काफी असहज महसूस करते हैं. यह घर हो या ऑफिस सब जगह होता है.

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साहित्य आजतक के मंच पर लेखि‍का शुनाली खुल्लर श्रॉफ
साहित्य आजतक के मंच पर लेखि‍का शुनाली खुल्लर श्रॉफ

लेखिका शुनाली खुल्लर श्रॉफ ने ट्रोलिंग पर कहा कि मर्द तो औरत के विचार व्यक्त करने पर ही असहज हो जाते हैं. 'लव इन द टाइम ऑफ एफ्लुएंजा' की लेखिका शुनाली ने साहित्य आजतक के दूसरे दिन में आयोजित एक सत्र में यह बात कही.

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ट्रोल करते हैं कुछ मर्द

शुनाली ने कहा, 'औरत जब आम धारणा से अलग सोचती है तो मर्द काफी असहज महसूस करते हैं. यह घर हो या ऑफिस सब जगह होता है. जब आप कोई विचार रखती हैं तो आपको कम जनाना माना जाता है. आप ट्विटर पर हो रही ट्रोलिंग को देख लीजिए. चाहे स्वरा भास्कर हों या मैं, जब कोई विचार मर्दों के अनुकूल नहीं होती तो वे ट्रोल करने लगते हैं. देखि‍ए वे कितने नीचे तक जा सकते हैं. उनको तो यही सोचकर झटका लगता है कि कोई औरत ऐसा कैसे कह सकती है. यह मेरी नई हॉबी बन गई है, जब भी मैं किसी विचार के लिए खुद या किसी और औरत के बचाव में आती हूं तो वे मुझे ट्रोल करते हैं और मैं ट्रोलर्स को ब्लॉक करना शुरू करती हुं. यह मेरा पसंदीदा टाइम पास है. इसमें मुझे एक अलग तरह का आनंद मिलता है. आप यदि सूअर से लड़ेंगे तो आपके ऊपर कीचड़ आएगा ही और सूअर इसका आनंद लेंगे.

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सोशल मीडिया की लत के बारे में

श्रॉफ ने कहा, 'यह भी एक समस्या है. मैं भी ट्विटर और इंस्टाग्राम पर काफी समय गुजारती हूं. यह असल में हमारी उत्पादकता के समय को खा लेता है. खासकर बच्चे तो कार्दिशियां या पेरिस हिल्टन या भारतीय सेलेब्रिटीज से काफी प्रभावित रहते हैं. जिनके बारे में मैं ज्यादा नहीं जानती. उनको लगता है कि किसी भी कीमत पर धनी और प्रसिद्ध बनना है. इसकी वजह से हमारे वैल्यू सिस्टम में बदलाव आ रहा है और हमारे जीवन में असंतोष पनप रहा है.'

करन जौहर की पार्टी को क्यों किया गया ट्रोल

करन जौहर की पार्टी को ट्रोल करने पर शुनाली ने कहा, 'यह वास्तव में मूर्खता है. वह अपने दोस्तों के साथ मजे कर रहे थे और लोग आधी रात के बाद वाले माहौल में एक्टिंग कर रहे थे. उसमें काफी कुछ पढ़ लिया गया. करन कोई मूर्ख नहीं हैं कि ऐसे वीडियो डालेंगे.'

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प्यार एक नाजुक चीज है

शादी और प्यार के बारे में शुनाली ने कहा, 'प्यार एक नाजुक चीज है, इसे शुरू से ही काफी रोमांटिक धारणा मानी जाती है. लड़कियों में यह धारणा होती है कि प्यार से उन्हें जिंदगी मिल रही है. इस प्रक्रिया में लोग खुद से प्यार करना भूल जाते हैं. मैंने अपनी किताब में इसके बारे में भी बात की है. शादी आसान नहीं होता. शादी में प्यार की अवधारणा सहनशीलता और सहिष्णुता से विकसित होती है. जो जिस रूप में उसे उसी रूप में स्वीकार करें यही प्यार है.

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क्या है किताब में

अपनी किताब के बारे में शुनाली ने कहा, 'जब मैंने किताब लिखना शुरू किया तो यह एक सामाजिक टिप्पणी की तरह था. मेरे लिए यह जानना आसान था कि कोई औरत क्या सोचती है. यह किताब समाज के समृद्ध वर्ग के बारे में है. पिृत सत्ता, दोहरापन जैसे मसले जो इस समाज में मौजूद हैं. समाज को औरतों को देखने का लेंस मर्दों से इतर होता है. मैंने इस कहानी से शुरुआत की किस तरह से कोई औरत यदि शादी से बाहर निकल जाए तो उसे इंसान मानने से ही इंकार कर दिया जाता है. उसके बारे में हर चीज बुरी ही होती है. औरत को समाज के कई पैमानों पर खरा उतरना होता है.

गौरतलब है कि साहित्य का सबसे बड़ा महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019' आज से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में शुरू हो चुका है. साहित्य, कला, संगीत, संस्कृति का यह जलसा आज से 3 नवंबर तक चलेगा. शुक्रवार सुबह साहित्य आजतक का आगाज छायावादी युग के प्रसिद्ध कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की वाणी वंदना से हुआ. तीन दिन तक चलने वाले साहित्य के महाकुंभ साहित्य आजतक में कला, साहित्य, संगीत, संस्कृति और सिनेमा जगत की मशहूर हस्तियां शामिल हो रही हैं. बता दें कि साल 2016 में पहली बार 'साहित्य आजतक' की शुरुआत हुई थी.

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