मराठी के मशहूर लेखक शरण कुमार लिंबाले का नया मराठी उपन्यास जुलाई की शुरुआत में आ जाएगा. इसका नाम 'ओ' है. लिंबाले बताते हैं कि उपन्यास का नाम 'ओ' दलितों के संबोधन का प्रतीक है.
दलित समाज को आवाज दे रहे हैं कि तुम आखिर कब तक हमारी नहीं सुनोगे. वे बताते हैं कि यह आत्मकथात्मक उपन्यास नहीं है और उनका पहला उपन्यास है जिसके किरदार दलित नहीं हैं. लेकिन वे अपनी बातचीत में दलितों के बारे में अपनी सोच को उजागर कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि इस उपन्यास का हिंदी में अनुवाद भी सूर्यनारायण रणसुभे कर रहे हैं और चार-पांच महीने में इसका अनुवाद भी पाठकों को उपलब्ध हो जाएगा.