साहित्य आजतक के डिजिटल संस्करण ई-साहित्य आजतक पर साहित्य के सितारों की महफिल सजी हुई है. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन यानी शनिवार को आमंत्रित थे प्रख्यात गीतकार प्रसून जोशी. सत्र में बातचीत के दौरान कोरोना संकट के बीच कवि मन में चल रहे झंझावातों को जिक्र किया. साथ ही उन्होंने बताया कि वक्त के साथ इंसानी रिश्तों के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में क्या फर्क आया है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी नानी को याद करते हुए भावुक कर देने वाली कविता भी सुनाई.