तीन दिवसीय e-साहित्य आजतक में 28 से अधिक वक्ता और कलाकार शामिल हो रहे हैं. कार्यक्रम के दूसरे दिन मंच पर आमंत्रित थे वरिष्ठ रचनाकार असग़र वजाहत. e-साहित्य आजतक के मंच पर एंकर सईद अंसारी से बातचीत में उन्होंने माना कि संप्रेषण व संवेदना का असर कला पर भी पड़ता है. सभी के पास सूचनाएं हैं, इसलिए साहित्य की जिम्मेदारी अलग.असग़र वजाहत का मानना है कि कोरोना ने साहित्य को भी प्रभावित किया है. हालांकि इसमें समय लगेगा.