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e-Sahitya Aaj Tak 2020: लॉकडाउन खुलने के बाद सबसे पहले क्या करेंगे जावेद अली? ऐसी है प्लानिंग

e-Sahitya Aaj Tak 2020: कोरोना वॉरियर्स के लिए जावेद अली ने कहा- अगर अल्लाह चाहे तो कोई भी बीमारी नहीं रह सकती. ये बीमारी उसी की तरफ से आई है. इसका उपचार अभी तक नहीं मिला है. जावेद ने अल्लाह से इस वायरस को जल्द खत्म करने की दुआ की.

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e-Sahitya Aaj Tak 2020: जावेद अली
e-Sahitya Aaj Tak 2020: जावेद अली

e-साहित्य आजतक में सिंगर जावेद अली ने अपनी गायिकी से कार्यक्रम में चार चांद लगाए. इस सेशन को मीनाक्षी कंडवाल ने मॉडरेट किया. जावेद अली ने कोरोना वैक्सीन, लॉकडाउन, करियर के बारे में बताया. इसके अलावा जावेद अली ने कोरोना वॉरियर्स के लिए गाना भी गाया.

लॉकडाउन का समय कैसा रहा?

जावेद अली ने कहा- ये समय तीखा, मीठा, खट्टा भी रहा. इतने दिन कभी घर पर रहे नहीं. पॉजिटिव ये है कि फैमिली के साथ रहने का वक्त मिला. कोरोना की वजह से नेगेटिव न्यूज भी मिली. लेकिन हमने पॉजिटिव रहने की कोशिश की. लॉकडाउन में काफी बिजी रहता हूं. पत्नी का हाथ बंटाता हूं. इतना बिजी रहता हूं कि कभी तो म्यूजिक की प्रैक्टिस करने का भी समय नहीं मिलता. ये वक्त काफी भारी है लेकिन हम इसे काफी अच्छे से बिता रहे हैं.

ईद कैसे मनाएंगे?

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बकौल जावेद- ईद पर सरकार के फैसले का पालन करेंगे. हम घरों पर ही नमाज पढ़ेंगे. ईद के वक्त की तैयारी को सभी ने मिस किया है. मजारों में जाना, मस्जिद में नमाज पढ़ने जाना, शॉपिंग करना मैं बहुत मिस कर रहा हूं. लेकिन पॉजिटिव सोच है कि ये वक्त भी जल्दी निकल जाएगा. अगले साल ईद की खुशियां मनाएंगे.

कोरोना वैक्सीन पर क्या बोले जावेद अली?

पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना का इलाज ढूंढ रही है. सभी चाहते हैं कि जल्द से जल्द कोरोना से जंग लड़ने के लिए वैक्सीन मिल जाए. अल्लाह ही इसकी दवाई देगा. जबतक अल्लाह नहीं चाहेगा, ये सब ऐसा ही चलता रहेगा.

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कैसे हुई थी गुलाम अली से पहली मुलाकात?

मैंने सिंगिंग गुलाम अली साहब को सुनकर शुरू की. उनके गानों में कुछ कशिश थी. मेरा पूरा परिवार उनका फैन रहा है. मैं अपने पिता के सामने गाना गुनगुनाने से डरता था. एक बार मेरी मां ने मेरे पिता को मेरा गाना सुनवाया. तब मैंने पिता को गुलाम अली साहब की गजल सुनाई. मेरी उम्र 10-11 साल थी. मेरे पिता को लगा मुझमें कुछ बात तो है. फिर पिता ने मुझे म्यूजिक की ट्रेनिंग दी, मैंने काफी दूसरे लोगों से भी सीखा. मैं दिल्ली गुलाम अली साहब से पहली बार मिला. पहली मुलाकात में मैं गुलाम अली को देखते ही रह गया. मैंने उन्हें अपना गाना सुनाया. मेरे पिता ने कहा कि मैं अपने बेटे को आपका शागिर्द बनाना चाहता हूं. ऐसा हुआ भी.

बॉलीवुड में पहले गाने के लिए कितना संघर्ष किया?

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मैं प्लेबैक सिंगर नहीं बनना चाहता था. मेरा मन लाइट म्यूजिक, गजलों और क्लासिकल म्यूजिक की तरफ था. लेकिन मेरे घर के हालात अच्छे नहीं थे. जब मैं मुंबई आया तो बहुत फिल्मी दुनिया देखी. मेरा मन किया कि मैं फिल्मों प्लेबैक सिंगर बनूं. मैंने पापा को ये बात बताई. जब मैं फिल्मों के गाने स्टेज पर गाता था तो उनमें भी कुछ हरकतें कर लेता था. तो गाना खराब हो जाता था. बाद में धीरे-धीरे मुझे समझ आई. प्लेबैक सिंगिंग में पैसा, फेम सब कुछ जल्दी मिलता है.

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लॉकडाउन के बाद सबसे पहल क्या करेंगे?

लॉकडाउन खुलने के बाद मैं सबसे पहले अपनी मां से मिलूंगा. वे दिल्ली में हैं. मैं अपने भाइयों से भी मिलूंगा. प्रोफेशनली तौर पर कहूं तो लाइव परफॉर्मेंस करना चाहता हूं जहां मैं अपने 2 महीने की भड़ास निकाल पाऊं. मैं फैंस के लिए ऐसी परफॉर्मेंस लेकर आना चाहता हूं, जो उन्होंने कभी न देखी हो.

कोरोना वॉरियर्स को जावेद अली का सलाम

कोरोना वॉरियर्स के लिए जावेद अली ने कहा- अगर अल्लाह चाहे तो कोई भी बीमारी नहीं रह सकती. ये बीमारी उसी की तरफ से आई है. इसका उपचार अभी तक नहीं मिला है. जावेद अली ने अल्लाह से इस वायरस को जल्द खत्म करने की दुआ की. कोरोना वॉरियर्स को सलाम करते हुए जावेद अली ने सॉन्ग कुन फाया कुन गाया.

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