हाल में हुए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि बार-बार रैप म्यूजिक सुनने वाले टीनएजर सेक्स के प्रति बहुत जल्दी आकर्षित होते हैं और वे अपने निजी जीवन में भी इसकी शुरुआत जल्दी करते हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि किसी भी दूसरे संगीत की तुलना में रैप म्यूजिक में यौन संदेश ज्यादा स्पष्ट होते हैं और उन पर ज्यादा जोर दिया जाता है.
अमेरिका के ह्यूस्टन राज्य में स्थित टेक्सस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, जो टीनएजर हर रोज तीन घंटे या उससे अधिक समय रैप म्यूजिक सुनते हैं, वे बहुत कम उम्र में (नौंवी कक्षा में पढ़ने के दौरान ही) शारीरिक संबंध बनाने लग जाते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि उनके दोस्त और दूसरे हमउम्र भी ऐसा ही करते होंगे.
शोध प्रमुख और यूटीहेल्थ्स स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के किमबर्ले जोनसन बेकर का कहना है कि रैप म्यूजिक में यौन संबंधों और एल्कोहल लेने जैसी बातों को जोर देकर कहा जाता है. जिससे सुनने वाले को लगता है कि ये काम करने में कोई बुराई नहीं है.
बेकर कहते हैं कि जितना आप इसे सुनते हैं, उतना आप इस पर यकीन करते हैं.
सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक, जो किशोर-किशोरी रोजाना तीन घंटे या उससे ज्यादा समय ये संगीत सुनते हैं, वे दो साल बाद 2.6 गुना ज्यादा सेक्स करते हैं.
बेकर के अनुसार, किशोरावस्था में कोई रैप गाने में सेक्स की बातें सुनता है तो वह अपने दोस्तों की पड़ताल करता है कि वे भी ऐसा कुछ कर रहे हैं या नहीं. ऐसे में अगर दोस्त इन कामों के लिए हां कह देते हैं तो इस सोच को और मजबूती मिल जाती है.
शोधकर्ताओं ने सलाह देते हुए कहा है कि माता-पिता को अपने बच्चों से खुलकर बातचीत करनी चाहिए. खासतौर पर रैप गानों के बारे में.