scorecardresearch
 

नन्हीं-नन्हीं खुशियां

ये कविता हमें लुधि‍याना से पूजा दीपू ठाकुर ने भेजी है. कविता में एक लड़की की छोटी-छोटी इच्छाओं को सामने रखा गया है. जिसमें वो अपने लिए सिर्फ प्यार और इज्जत चाहती है.

Advertisement
X
Stories for women
Stories for women

नन्हीं नन्हीं खुशियों में बसा है
हर लड़की का सपना
छोटी छोटी बातों में मिल जाए जग की खुशी
ना मांगे हीरे और मोती
मांगे थोड़ा प्यार
क्यों करते हो नफरत बेटी से
नन्हीं नन्हीं खुशियों में बसा हैहर लड़की का सपना
कोई है अपना जो खुद गम देता है
हर सपने को तोड़ वो देता है
ना मांगे हीरा मोती
मांगे है थोड़ी सी इज्जत
क्यों करते हो नफरत बेटी से
नन्हीं नन्हीं खुशि‍यों में बसा है
हर लड़की का सपना

 ये कविता हमें लुधि‍याना से पूजा दीपू ठाकुर ने भेजी है.

Advertisement
Advertisement