इंग्लैंड के नॉटिंघम सिटी सेंटर में मौजूद एक दुकान में अचानक 70 महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. विरोध का तरीका भी नायाब था. सभी महिलाओं के साथ उनके दुधमुंहे बच्चे थे. महिलाओं ने दुकान में ही अपने बच्चों को दूध पिलाना शुरू कर दिया.
दरअसल, ये सभी महिलाएं इस दुकान की पॉलिसी से नाराज थीं. दो महीने पहले दुकान के अंदर अपने बच्चे को दूध पिला रही विओलेट्टा कोमर को यह कहकर बाहर भेज दिया गया कि उनके दुकान में इसकी इजाजत नहीं है. दुकान में मौजूद ग्राहकों को दुकान के मालिक का यह रवैया नागवार गुजरा. उस वक्त तो उन्होंने विओलेट्टा की मदद कर उसे बाहर कर दिया. लेकिन दो महीने बाद सभी ने एकजुट होकर इसी दुकान से अपने अभियान की शुरुआत कर दी.
संविधान में शामिल इक्वलिटी एक्ट, 2010 के अनुसार हर मां को यह अधिकार है कि वह सार्वजनिक जगहों पर भी अपने बच्चे को दूध पिला सकती है. लेकिन विरोध कर रही इनमें से कई महिलाओं का यह हक उनसे कई दफा छीना गया.
विरोध प्रदर्शन के 15 मिनट के अंदर ही कंपनी की ओर से माफीनामा जारी किया गया. इसके बाद मामला शांत हुआ.