यह अलग बात है कि आप बचपन से सुनते आये हैं कि सच का फल मीठा होता है, पर अब शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि झूठ बोलने से व्यक्ति अधिक संतुष्ट रहता है.
सिडनी यूनिवर्सिटी द्वारा एक अध्ययन में यह सामने आया है कि लोग यदि झूठ बोलकर कुछ पाते हैं, तो ज्यादा संतुष्ट रहते हैं. शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि जिन लोगों को झूठ बोलने पर कुछ मिलता है, तो वे बहुत तीव्र प्रतिक्रियाएं देते हैं.
इस शोध से पहले किये गये शोध में सामने आया था कि लोग एक दिन में एक या दो बार झूठ बोलते हैं. यह आंकड़ा 60 साल की उम्र तक 42 हजार झूठ तक पहुंच जाता है.
इस शोध दल का नेतृत्व करने वाली डा-क्रिस्टीना एंथोनी का कहना है कि झूठ बोलना भी एक मेहनत का काम है. वे कहती हैं, ‘जब आप बीमा राशि या भुगतान वापसी के लिये झूठ बोलते हैं और आप सफल हो जाते हैं तो आप ज्यादा संतुष्ट होते हैं.
इसके लिये शोधकर्ताओं ने कुछ लोगों के साथ प्रयोग किये जिसमें उनको कुछ जवाबों के सच्चे या झूठे जवाब देने थे. इसके बाद आधे लोगों को बताया गया कि उन्हें पुरस्कार दिया जायेगा. उनको मालूम था कि वह इसके योग्य नहीं हैं, पर उन्होंने इसे पाने के लिये झूठ बोला था. पुरस्कार मिलने की सूचना पर वह बहुत उत्साहित थे.