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क्‍या सचमुच पैदाइशी झूठे होते हैं मनुष्य?

एक नई किताब में दावा किया गया है कि झूठ बोलने की आदत ही मनुष्य को मनुष्य बनाती है और मनुष्य ‘पैदाइशी झूठे’ होते हैं.

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पैदाइशी झूठे होते हैं मनुष्य?
पैदाइशी झूठे होते हैं मनुष्य?

एक नई किताब में दावा किया गया है कि झूठ बोलने की आदत ही मनुष्य को मनुष्य बनाती है और मनुष्य ‘पैदाइशी झूठे’ होते हैं.

इयान लैस्ली द्वारा लिखी गई किताब ‘बॉर्न लॉयर्स’ में इस बारे में दावा किया गया है. किताब के मुताबिक, दो से चार वर्ष के बच्चे आमतौर पर सजा से बचने के लिए झूठ बोलते हैं. बहुत छोटे बच्चे झूठ नहीं बोलते, पर चार साल तक की उम्र में बच्चों की आदत में थोड़ा बदलाव आने लगता है.

टोरंटो विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड स्टडी के निदेशक कांग ली ने कहा, ‘‘किसी के बारे में यह पता करना कि वह झूठा है, आठ साल की उम्र के पहले ही संभव है.’’

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