ब्रिटिश साइंस जर्नल ‘नेचर’ में प्रकाशित एक शोध की मानें तो मलेरिया के लिए जिम्मेदार मादा एनोफिलीज मच्छर पर सवार प्लाजमोडियम फैलसिपेरम परजीवी पहले गोरिल्ला और फिर मानवों में आया. यह धारणा अप्रत्यक्ष रूप से उन नतीजों की पुष्टि करती है जिनमें कहा जाता है कि एड्स का विषाणु पहले चिम्पांजी में और फिर मनुष्यों में आया.
बर्मिंघम स्थित अल्बामा यूनिवर्सिटी के बी हान के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने मध्य अफ्रीका के जंगलों में विचरण करने वाले चिम्पांजी, गोरिल्ला और बोनोबोस के मल के लगभग 3000 नमूने इकट्ठे किए. जब इनके डीएनए की जांच की गई तो एक तिहाई पश्चिमी गोरिल्ला और आधे चिम्पांजी प्लाजमोडियम परजीवी से संक्रमित पाए गए. लेकिन बोनोबोस और पूर्वी गोरिल्ला में ऐसा कोई लक्षण नहीं पाया गया.