किसी को कुछ देने का विचार ही व्यक्ति को किसी से कुछ लेने से अधिक रोमांचित करता है. अब एक नये अध्ययन में पाया गया है कि यदि आप एक छोटे बच्चे हैं, तो भी आपको कुछ देने में अधिक खुशी मिलती हैं.
ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को उस वक्त अधिक खुशी मिलती है, जब वे किसी से कुछ लेने के बजाय किसी को कुछ देते हैं.
इसमें सबसे अधिक दिलचस्प यह है कि वे उस वक्त अधिक खुश होते है, जब बनावटी बर्ताव करने के बजाय वे किसी के साथ स्वाभाविक बर्ताव करते है.
इन निष्कर्षों का पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस के ऑनलाइन जर्नल में प्रकाशित अनुसंधान भी समर्थन करता है, जिसमें कहा गया है कि वयस्कों को दूसरों की मदद करने में अच्छा लगता है और इसमें विवरण दिया गया है कि क्यों लोग दूसरों की सहायता करने में अपने पैसे तक खर्च कर देते हैं.
शोधकर्ताओं ने बताया है कि यह पहला अध्ययन है, जो बताता है कि बच्चों को दूसरों की मदद करने में अधिक खुशी मिलती है.
अध्ययन की अगुआ डॉ. लारा अकिन ने बताया, ‘लोगों की ऐसी सोच है कि बच्चे स्वाभाविक तौर पर स्वार्थी होते हैं. मगर इसमें यह दिखाया गया है कि वास्तव में बच्चों को कुछ लेने की बजाय देने में खुशी मिलती है.’
अध्ययन के दौरान सभी बच्चों के खाने के सामान को लेकर कुछ अलग बर्ताव देखने को मिले थे. इसके कुछ मिनट बाद बच्चों ने कठपुतली या खिलौने को दूर करने के लिए कहा था. इसके अलावा बच्चों के साथ अलग बर्ताव किया गया और उनसे खिलौने देने के बारे में कहा गया. बच्चों की प्रतिक्रियाओं का वीडियो टेप तैयार किया गया और बाद में खुशी का सात सूत्रीय पैमाने पर मूल्यांकन किया गया. बच्चों के साथ शोधकर्ता द्वारा किए गए बर्ताव के बजाए कठपुतली या खिलौने के साथ उनके स्वयं के व्यवहार में अधिक खुश देखा गया.
डॉ. अकिन ने बताया, ‘इन निष्कर्ष में सबसे रोमांचक बात यह रही कि अपने स्वाभाविक बर्ताव से कुछ देने में बच्चों को अधिक खुश पाया गया. अपने कीमती सामान दूसरों के फायदे के लिए किसी को देने में वे अधिक खुशी महसूस करते हैं.’