केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के कथित वक्तव्य से असहमति प्रकट करते हुए यूएनएआईडीएस ने कहा है कि समलैंगिकता कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति का निजी यौन रुझान है.
संगठन के कार्यकारी निदेशक मिशेल सिडिबी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘यूएनएआईडीएस समलैंगिकता को कोई बीमारी नहीं मानता. यौन रुझान के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव की समाज में कोई जगह नहीं है.’’
एचआईवी-एड्स पर एक सम्मेलन में आजाद ने कथित तौर पर कहा था, ‘‘पुरुषों के पुरुषों के साथ यौन संपर्क (एमएसएम) बनाने की बीमारी ज्यादातर विकसित देशों में पाई जाती है, लेकिन दुर्भाग्य से अब यह हमारे देश में भी आ गई है और भारत में ऐसे बहुत से लोग हैं.’’
आजाद की इस टिप्पणी की समलैंगिक समुदाय और इस क्षेत्र में काम कर रहे कार्यकर्ताओं ने खासी आलोचना की थी.