अब आपको ‘कुत्तों से सावधान’ होने की जरूरत नहीं है. दरअसल, एक नए अध्ययन में बड़ी ही रोचक बात सामने आई है कि जिन परिवारों में कुत्ते पाले जाते हैं, उनके बच्चे दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी चपल और क्रियाशील होते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि शारीरिक गतिविधियां अधिक होने के चलते ऐसे बच्चे मोटापे से ग्रस्त नहीं होते.
लंदन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि जिन घरों में कुत्ते पाले जाते हैं उन घरों के बच्चों की शारीरिक गतिविधियां दूसरे घरों के बच्चो की तुलना में ग्यारह मिनट अधिक होती हैं. इसके लिए शोधकर्ताओं ने नौ से 10 साल की उम्र के 2065 बच्चों पर सात दिनों तक अध्ययन किया और उनकी गतिविधियों पर बारीकी से नजर बनाए रखी . अध्ययन में लंदन, बर्बिंघम और लीसेस्टर के 78 स्कूलों के बच्चों को शामिल किया गया. इन बच्चों में से 202 बच्चों ने कुत्ते पाल रखे थे .
शोधकर्ताओं के सामने जो परिणाम आए वह काफी चौकानें वाले रहे. जिन बच्चों के घरों में कुत्ते नहीं थे उन बच्चों के मुकाबले अध्ययन में कुत्ते पालने वाले घरों के बच्चों की शारीरिक गतिविधियां 11 अधिक पाई गई .