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श्रीमतीजी पर ही छोड़िए घरेलू कामकाज, क्‍योंकि...

लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि विवाहित जोड़े को मिल-जुलकर ही अपनी सारी जिम्‍मेदारी का निर्वाह करना चाहिए. हाल के दशकों में यह धारणा भी मज‍बूत हुई है कि पुरुषों को भी घरेलू कामकाज में महिलाओं की मदद करनी चाहिए.

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रिलेशनशिप
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लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि विवाहित जोड़े को मिल-जुलकर ही अपनी सारी जिम्‍मेदारी का निर्वाह करना चाहिए. हाल के दशकों में यह धारणा भी मज‍बूत हुई है कि पुरुषों को भी घरेलू कामकाज में महिलाओं की मदद करनी चाहिए.

परंतु एक नए शोध का निष्‍कर्ष ऐसा है, जिसपर आप शायद ही आसानी से यकीन कर सकें. शोध का लब्‍बोलुआब यह है कि अगर आप तलाक से बचना चाहते हैं, तो फिर सभी घरेलू कामकाज पत्नी को ही करने दें.

यह अध्ययन लैंगिक समानता की वकालत करने वालों को परेशान कर सकता है, लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया है कि घर के कामकाज में हाथ बंटाने वाले ‘आधुनिक’ दंपतियों में तलाक की दर अधिक है. दूसरी ओर, घर के कामकाज की सारी जिम्मेदारी जिन घरों में महिलाएं उठाती हैं, वहां अलगाव की दर कम है.

नॉर्वे में किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सिर्फ महिलाओं के बजाय घरेलू कामकाज में बराबर की हिस्सेदारी निभाने वाली दंपतियों में तलाक की दर 50 फीसदी अधिक पायी गई है.

शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि कई बार घर और बाहर पति-पत्नी की भूमिका को लेकर स्पष्टता का अभाव रहता है. इसलिए दोनों को एक-दूसरे के काम में टांग नहीं अड़ानी चाहिए.

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प्रमुख शोधकर्ता थामस हेनसेन ने कहा, ‘यदि घर के काम को दोनों मिल-जुलकर करेंगे, तो दोनों में झगड़ा अधिक होगा, क्योंकि दोनों एक-दूसरे से अपने अपने हिसाब से काम कराना चाहेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘आधुनिक दंपतियों में महिलाएं भी उच्च शिक्षित हैं और अच्छा खासा कमाती हैं, जो अपने जीवनसाथी पर उनकी निर्भरता को कम करता है. ऐसे में घरेलू कामकाज को लेकर झगड़ा होता है, तो वे तलाक लेने के बाद भी आराम से गुजारा कर सकती हैं.’

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