आमतौर पर लैब से लोगों तक एक दवा पहुंचने में 12 और वैक्सीन को 8-10 साल लगते हैं. इसमें पहले चरण का ट्रायल 1000-3000 मरीजों पर किया जाता है जिसमें 2 साल लगते हैं. दूसरे चरण का ट्रायल भी 1000-3000 लोगों पर किया जाता है और इसमें भी 2 साल तक का समय लगता है. वहीं तीसरे चरण का ट्रायल 15,000 से 30,000 लोगों पर किया जाता है और इसमें 3-5 साल लगते हैं.