मार्जारी आसन एक बहुत ही आसान योगासन है. जिन लोगों को पीठ और कमर की मांसपेशियों में तनाव के चलते दर्द रहता है. यह आसन उन्हें जरूर करना चाहिए. यह आसन गर्दन, कंधे और रीढ़ की मांसपेशियों पर विशेष प्रभाव डालता है. इसके नियमित अभ्यास से रीढ़ की कोशिकाओं के बीच दबाव कम होता है और रीढ़ की तंत्रिकाओं में स्फूर्ति आती है. इसके अतिरिक्त मासिक धर्म की समस्या और ल्यूकेरिया से छुटकारा दिलाने में भी मार्जारी आसन असरदार साबित होता है. आइए जानते हैं मार्जारी आसन करने का सही तरीका.
दोनों घुटनों और दोनों हाथों को जमीन पर रखकर घोड़े की भांति खड़े हो जाएं.
हाथों को जमीन पर बिलकुल सीधा रखें. ध्यान रखें कि हाथ कंधों की सीध में हों और हथेली फर्श पर इस तरह टिकाएं कि उंगलियां आगे की तरफ फैली हों.
हाथों को घुटनों की सीध में रखें, बांहें और जांघें भी फर्श से एक सीध में होनी चाहिए. घुटनों को एक-दूसरे से सटाकर भी रख सकते हैं और चाहें तो थोड़ी दूर भी. यह इस आसन की आरंभिक अवस्था है.
इसके बाद रीढ़ को ऊपर की तरफ खींचते हुए सांस अंदर खींचें. इसे इस स्थिति तक लाएं कि पीठ अवतल अवस्था में पूरी तरह ऊपर खिंची हुई दिखे. सांस अंदर की ओर तब तक खींचती रहें जब तक कि पेट हवा से पूरी तरह भर न जाए. इस दौरान सिर का ऊपर उठाए रखें.
सांस को तीन सेकंड तक भीतर रोक कर रखें. इसके बाद पीठ को बीच से ऊपर उठाकर सिर नीचे झुकाएं. अपनी दृष्टि नाभि पर टिकाएं.
सांस धीरे-धीरे बाहर छोड़ें और पेट को पूरी तरह खाली कर दें और नितंबों को भी भीतर की तरफ खींचें. सांस को फिर तीन सेकंड तक रोकें और सामान्य दशा में वापस आ जाएं.
इस तरह इस आसन का एक चक्र पूरा होता है. सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया जितना भी संभव हो सके, उतना ही धीरे-धीरे करें. सांस अंदर भरने और छोड़ते वक्त पांच सेकेंड का वक्त लगाएं.