दीपिका कक्कड़ को लिवर कैंसर की शिकायत थी और उन्होंने कुछ समय पहले ट्यूमर की सर्जरी कराई है. सर्जरी के बाद उन्होंने एक वीडियो में बताया कि उन्होंने अपने 2 साल के बेटे को ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद कर दिया था. उन्होंने कहा, 'यह एक बड़ी सर्जरी थी. मुझे 1 रात में अपने बेटे को ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाना था. मेरे पास कोई ऑपशंस नहीं था लेकिन मुझे यह करना पड़ा. मैं उस रात बहुत रोई थी. हालांकि मुझे .उसे वैसे भी दूध छुड़ाना था क्योंकि वह जल्द ही 2 साल का हो जाएगा लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह इस तरह होगा.' अब ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल होंगे कि ब्रेस्ट कैंसर वाली महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग करना चाहिए या नहीं? तो आइए इस बारे में डॉक्टर का क्या कहना है, यह भी जान लाजिए.
क्या कहते हैं डॉक्टर
पुणे की कंसल्टेंट ऑब्स्टेट्रिशियन गायनोकोलॉजिस्ट और इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. अश्विनी राठौड़ ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, ' ब्रेस्ट कैंसर के ट्रीटमेंट में कीमोथेरेपी या रेडिएशन और ऐसी दवाएं शामिल होती हैं जो ब्रेस्टफीडिंग करने वाले शिशु की हेल्थ के लिए सही नहीं होतीं. ये ट्रीचमेंट दूध उपचार स्तन के दूध में जा सकते हैं, जिससे संभावित रूप से बच्चे उनके संपर्क में आ सकता है जो कि उसके विकास में भी बाधा बन सकते हैं.'
'कैंसर से मां का स्वास्थ्य काफी बिगड़ सकता है, जिससे थकान, मतली और अन्य लक्षण हो सकते हैं जो उसके मिल्क प्रोडक्शन या बच्चे की देखभाल क्षमता को भी कम कर सकते हैं. ऐसे में मां को पहले अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए.'
'ऐसे में उन माताओं को ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को पर्याप्त पोषण मिलता रहे, चाहे वह दूध के माध्यम से आ रहे हों या डोनर दूध के माध्यम से. कोशिश करें कि मां और शिशु दोनों की हेल्थ पर ध्यान दिया जाए.'
ट्रीटमेंट पर निर्भर करेगी ब्रेस्टफीडिंग
WebMed के मुताबिक, अगर आप ब्रेस्टफीडिंग कराना चाहती हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें. वे आपको बता सकते हैं कि यह सुरक्षित है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस तरह का उपचार मिल रहा है और आपको यह कब मिलेगा. यदि आपको कुछ विशेष उपचारों की आवश्यकता हो, तो आपका डॉक्टर संभवतः आपको ब्रेस्टफीडिंग बंद करने या शुरू न करने की सलाह देगा.
कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी और टारगेट थेरेपी. इनमें से कई दवाएं स्तन के दूध में चली जाती हैं और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाले बच्चे को प्रभावित कर सकती हैं. लेकिन आप अपने ट्रीटमेंट के दौरान ब्रेस्टफीडिंग रोक सकती हैं और जब यह खत्म हो जाए और आपका डॉक्टर कहे कि यह सुरक्षित है तो फिर से शुरू कर सकती हैं.
यदि आपको सर्जरी की ज़रूरत है तो आपका डॉक्टर आपको ब्रेस्टफीडिंग बंद करने का सुझाव दे सकता है. इससे आपके स्तनों में ब्लड फ्लो कम हो जाएगा और वे छोटे हो जाएंगे जो ऑपरेशन के दौरान मदद करता है. अगर आप ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराती हैं तो स्तन में संक्रमण का जोखिम भी कम हो सकता है. कुछ महिलाएं रेडिएशन थेरेपी लेते समय ब्रेस्टफीडिंग करा सकती हैं. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस तरह के रेडिएशन की ज़रूरत है.
क्या कहती है अमेरिकन कैंसर सोसायटी?
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक, यदि आपने स्तन सर्जरी और रेडिएशन करवाई है तो आपको प्रभावित स्तन से ब्रेस्टफीडिंग कराने में समस्या हो सकती है. उस स्तन में दूध का उत्पादन कम होना और बनावट में परिवर्तन शामिल हो सकते हैं जो ब्रेस्टफीडिंग को दर्दनाक बना सकते हैं या बच्चे के लिए स्तन को पकड़ना कठिन बना सकते हैं. फिर भी, कई महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग कराने में सक्षम हैं.
यदि आप अभी भी अपने स्तन कैंसर के इलाज के लिए कोई दवा ले रही हैं (जैसे हार्मोन थेरेपी), तो ब्रेस्टफीडिंग कराने की कोशिश करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना बहुत ज़रूरी है. कुछ दवाएं स्तन के दूध में जा सकती हैं और बच्चे को प्रभावित कर सकती हैं.