भारत में मौजूदा समय में हर चौथा व्यक्ति मोटापे से जूझ रहा है. भारत में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है. यहां ग्रामीण और शहरी दोनों तरह की आबादी के बीच मोटापे की समस्या देखी जा रही है. आइए जानते हैं कि ऐसे कौन से कारण हैं जिनकी वजह से लोग इस बीमारी का शिकरा हो रहे हैं.
बता दें कि मोटापे का माप बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के आधार पर किया जाता है. 30 से अधिक BMI वाले व्यक्ति को मोटा माना जाता है; 25 से 29.9 के बीच BMI वाले व्यक्ति को अधिक वजन वाला माना जाता है.
मोटापा बन रहा है ग्लोबल इश्यू
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 1975 और 2016 के बीच दुनिया भर में मोटापा बढ़ने का चलन लगभग तीन गुना तक बढ़ा है. मोटापा, जिसे कभी अमीर देशों की समस्या माना जाता था, अब लो इनकम और मीडियम इनकम वाले देशों में भी फैल रहा है.
भारत में उम्र और मोटापे के बीच संबंध
भारत में बच्चों से लेकर बुजुर्गों के बीच भी मोटापे की समस्या देखी जा रही है जो एक गंभीर दिक्कत है. आलस भरी जीवनशैली, अनहेल्दी फूड्स और जेनेटिक्स इसके सबसे बड़े कारण हैं.
आलस भरी जीवनशैली
आलस भरी जीवनशैली और मोटापा एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. आलस जिसे हम फिजिकल एक्टिविटी की कमी भी कह सकते हैं. इससे मोटापा तेजी से बढ़ सकता है. आलस से शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है जिससे शरीर में ऊर्जा की खपत भी कम हो जाती है और नतीजन वसा जमा होने लगता है.
अनहेल्दी फूड्स
भारत में फास्ट फूड्स का चलन तेजी से बढ़ा है जिससे लोग अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ जैसे बर्गर, पिज्जा, ब्रेड, चिप्स, कोक और बाकी फूड्स का सेवन ज्यादा करते हैं. इससे शरीर में ऊर्जा का संतुलन बिगड़ जाता है और वसा जमा होने लगती है.
जेनेटिक्स
जेनेटिक्स भी आपके फिजिकल एपीयरेंस में अहम किरदार अदा करता है. अगर आपके परिवार में लोग मोटापे का शिकार रहे हैं तो संभावना है कि आप भी मोटापे से ग्रसित हो सकते हैं. इसलिए अपने खानपान और लाइफस्टाइल पर कंट्रोल करें. तला-भुना और मीठा कम खाएं और रोजाना एक्सरसाइज करें.