अमेरिका में हाल ही में हुई एक रिपोर्ट ने लोगों को चौंका दिया है. इस रिपोर्ट में पता चला है कि वहां चावल के 100 से ज्यादा ब्रांड्स में आर्सेनिक और कैडमियम नाम के खतरनाक मेटल्स पाए गए हैं. ये मेटल्स अगर लंबे समय तक शरीर में जाते रहें, तो आपको गंभीर तरह से बीमार कर सकते हैं. यह खबर सिर्फ अमेरिका के लिए नहीं, बल्कि भारत जैसे देशों के लिए भी एक अलार्म है, जहां रोजाना करोड़ों लोग चावल खाते हैं. भारत में चावल रोज के खाने का बड़ा हिस्सा है, ऐसे में यह सोचना भी जरूरी है कि क्या भारत में बिकने वाला चावल पूरी तरह से सुरक्षित है?
अमेरिका की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि चावल में इन मेटल्स की मात्रा हेल्थ के तय मानकों से ज्यादा थी. इससे वहां के लोगों को तो चिंता हुई ही, अब दुनिया भर में चावल की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. चलिए जानते हैं क्या कहती है रिसर्च.
रिसर्च में क्या पाया गया?
अमेरिका में एक स्टडी की गई, जिसमें वहां बिकने वाले 128 मशहूर चावल ब्रांड्स की जांच की गई. इस स्टडी के नतीजे हैरान करने वाले थे. कई चावलों में आर्सेनिक और कैडमियम नाम के खतरनाक मेटल्स पाई गईं, जो हेल्थ के लिए बहुत नुकसानदायक होते हैं.
अगर कोई लंबे समय तक ऐसा चावल खाता है तो उसे लीवर और किडनी की बीमारी, हड्डियों में कमजोरी, और यहां तक कि कैंसर तक हो सकता है. ये जहरीली चीजें बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए और भी ज्यादा खतरनाक हो सकती हैं क्योंकि उनका शरीर इन्हें झेल नहीं पाता.
आर्सेनिक और कैडमियम क्या हैं और ये क्यों खतरनाक हैं?
आर्सेनिक एक जहरीला तत्व होता है, जो मिट्टी या गंदे पानी के जरिए फसलों में पहुंच सकता है. अगर लंबे समय तक आर्सेनिक से भरपूर खाना खाया जाए तो इससे स्किन की समस्याएं, कैंसर, दिल की बीमारी और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
कैडमियम भी एक ऐसा ही हानिकारक मेटल है जो ज्यादातर फर्टिलाइजर या इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन के कारण मिट्टी में मिल जाता है. यह शरीर में जाकर किडनी को नुकसान, हड्डियों को कमजोर और नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है.
चावल को धोने या पकाने से भी ये धातुएं पूरी तरह नहीं निकलतीं, इसलिए इनका असर कम नहीं होता. यही वजह है कि इनका शरीर में जाना काफी खतरनाक माना जाता है.
आप कैसे रह सकते हैं सुरक्षित?
1.चावल को धोकर भिगोएं: चावल को अच्छी तरह से धोएं और पकाने से पहले उसे 30-45 मिनट के लिए भिगोएं.
2. एक्स्ट्रा पानी से पकाएं: खाना बनाते समय ज्यादा पानी का इस्तेमाल करें और एक्स्ट्रा पानी को निकाल दें. इससे कुछ हानिकारक तत्व कम हो सकते हैं.
3. चावल के अलावा भी और अनाज खाएं: चावल पर ज्यादा निर्भर ना रहें. इसके अलावा आप अपने खाने में गेहूं, बाजरा (जैसे रागी, बाजरा), ओट्स या क्विनोआ मिलाएं.
3. ट्रस्ट करने वाला ब्रांड चुनें: ऐसे चावल खरीदें जो क्वालिटी टेस्टिंग के बारे में बताते हों और आप उस पर ट्रस्ट कर सकें.
4. ऑर्गेनिक फार्मिंग को सपोर्ट करें: जब हो सके, तब ऐसे चावल का इस्तेमाल करें जो बिना केमिकल खाद और पेस्टिसाइड्स के उगाया गया हो.