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Sexual Disease: इन पुरुषों को होता है सेक्सुअल डिजीज का अधिक खतरा, बरतें ये सावधानियां

Sexually Transmitted Diseases : यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) को आमतौर पर यौन संचारित रोग (एसटीडी) भी कहा जाता है. एक ऐसा संक्रमण जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को यौन संबंध बनाने के कारण फैलता है. ऐसे में आज हम आपको पुरुषों में एसटीडी के खतरे, लक्षण और कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं.

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Sexually Transmitted Diseases  in men (Photo Credit: Getty Images)
Sexually Transmitted Diseases in men (Photo Credit: Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ये हैं यौन संचारित संक्रमण से बचाव के तरीके
  • इन पुरुषों को होता है यौन संचारित संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा

यौन संचारित रोग (एसटीडी), या यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई), ऐसा इंफेक्शन है जो यौन संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. यह संक्रमण आमतौर पर वजाइनल, ओरल या एनल सेक्स के जरिए फैलता है. लेकिन कई बार यह संक्रमण सिर्फ यौन संपर्क से ही नहीं बल्कि और भी कई कारणों के चलते फैलता है, जैसे किसी रोगी का इंजेक्शन या शेविंग ब्लेड इस्तेमाल करना, खुले हुए घाव के कारण या संक्रमित व्यक्ति की चीजें इस्तेमाल करना. 

बता दें कि  पुरुष और महिलाएं दोनों ही एसटीडी से संक्रमित हो सकते हैं. अगर कोई गर्भवती महिला एसटीडी से संक्रमित है तो यह संक्रमण उसके बच्चे में भी फैल सकता है. आज हम आपको पुरुषों में दिखने वाले एसटीडी के लक्षण, कारण और उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं. 

कितने टाइप का होता है एसटीडी? 

पुरुषों में होने वाले कॉमन एसटीडी में शामिल हैं- क्लैमाइडिया, गोनोरिया, ट्राइकोमोनिएसिस और जेनिटल हर्पीस. पुरुषों में पाए जाने वाले कुछ STD ऐसे हैं जिसके कोई लक्षण नजर नहीं आते.

क्या हैं पुरुषों में एसटीडी के लक्षण

- जननांग में खुजली और जलन का एहसास
- जननांग से डिस्चार्ज
- पेल्विस के आसपास दर्द
- जननांग के आस पास घाव या छाले 
-यूरिन पास करते समय या मल त्यागते समय दर्द या जलन का एहसास
- बार-बार बाथरूम जाना

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एसटीडी के कारण

शरीर में नम जगहों पर पनपने वाले बैक्टीरिया और वायरस एसटीडी का कारण बनते हैं. ये बैक्टीरिया सेक्स के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाते हैं. कई मामलों में यह संक्रमण काफी मामूली होता है जबकि कुछ मामलों में यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है. 

क्या STD को ठीक किया जा सकता है ?

बैक्टीरिया के कारण होने वाले एसटीडी को एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है. जबकि कुछ एसटीडी जैसे हर्पीज और एचआईवी इंफेक्शन का कोई इलाज नहीं है और यह समस्या जीवन भर रहती है. जरूरी है कि एसटीडी के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर इसे फैलने से रोका जाए. 

किन्हें होता है एसटीडी का ज्यादा खतरा

एसटीडी की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है. खासतौर पर यह समस्या उन नौजवानों में ज्यादा देखी जाती है जो एक से ज्यादा लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं. साथ ही जो लोग इस्तेमाल की गई सुई का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें भी एसटीडी होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है. इससे बचने के लिए जरूरी है कि शारीरिक संबंध बनाते समय प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें. इससे एसटीडी होने का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है.  


 

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