डायबिटीज की बीमारी में दवा से ज्यादा डाइट का ध्यान रखने की जरूरत होती है. डायबिटीज में आपका शरीर इंसुलिन हार्मोन का ठीक से निर्माण या उपयोग नहीं कर पाता है. इससे रक्त में बहुत अधिक ग्लूकोज का निर्माण होता है जिससे आप डायबिटीज का शिकार हो जाते हैं.
भारत समेत दुनियाभर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. डायबिटीज के मरीजों को अपनी डाइट और खानपान का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि छोटी लापरवाही भी शुगर लेवल को बढ़ा सकती है. यहां हम आपको बताएंगे कि ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
डायबिटीज दो प्रकार की होती है:
टाइप 1 डायबिटीज - यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपका शरीर इंसुलिन का बिल्कुल उत्पादन नहीं कर पाता है और इसे जुवेनाइल डायबिटीज के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह आम तौर पर बच्चों और किशोरों में होता है लेकिन वयस्कों में भी हो सकता है. इसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली ही इंसुलिन उत्पादन कोशिकाओं पर हमला करने लगती हैं और उन्हें नष्ट कर देती हैं. यही कारण है कि टाइप 1 मधुमेह को एक ऑटोइम्यून स्थिति के रूप में जाना जाता है.
टाइप 2 डायबिटीज - इस प्रकार की डायबिटीज तब होती है जब शरीर आवश्यक इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता, जैसा उसे करना चाहिए. टाइप 2 एक ऑटो-इम्यून कंडीशन नहीं है. इसमें आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या जो बनाता है उसका ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है. ऐसा कई कारणों से हो सकता है.
दुनिया भर में डायबिटीज के कुल मामलों में 8 प्रतिशत टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं और 90 प्रतिशत टाइप 2 से पीड़ित हैं.
1.ट्रांस फैट
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को खाने में फैट और तेल के सेवन पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें हृदय रोग होने का खतरा बढ़ सकता है. ट्रांस फैट दो तरह का होता है, एक जानवरों में पाया जाने वाला, जो इंसानों के लिए बहुत हानिकारक होता है. वहीं दूसरा कृत्रिम जो हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल हैं और यह भी बहुत खतरनाक होते हैं. ऐसे में इन दोनों ही ट्रांस फैट से परहेज करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इनके आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
2.हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल
डायबिटीज में हमेशा लो ग्लाइसेमिक वैल्यू वाले फलों का ही सेवन करना चाहिए और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों से बचना चाहिए. अगर फल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक है तो इसका मतलब है कि इसमें कार्ब्स जयादा हैं. अगर यह कम है तो इसका मतलब है कि इसमें कार्ब्स कम हैं.
ग्लाइसेमिक इंडेक्स का उपयोग यह मापने के लिए किया जाता है कि कोई भी भोजन आपके शुगर के स्तर को कितना तेजी से बढ़ाता है. जीआई जितना अधिक होगा, शुगर पर प्रभाव उतना ही अधिक होगा.
बेरीज, ग्रेपफ्रूट, आड़ू, नाशपाती, संतरा और एप्रिकॉट जैसे फलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. वहीं, तरबूज और अनानास का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है.
3.रिफाइंड आटा
रिफाइंड आटा डायबिटीज में काफी खतरनाक हो सकता है. यह शरीर के अंदर जाकर तेजी से ग्लूकोज में बदल जाता है जो ब्लड शुगर को बढ़ा देता है. इसलिए डायबिटीज के मरीजों को रिफाइंड आटा यानी मैदा से बनी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए.
4.फ्राईड फूड्स
फ्राईड फूड्स में फैट की मात्रा अधिक होती है. फैट धीरे-धीरे पचता है इसलिए यह ब्लड शुगर में वृद्धि का कारण बन सकता है. डायबिटीज के मरीजों को फ्राईड फूड्स के सेवन से बचना चाहिए.
5.शराब
डायबिटीज में लोगों को शराब से बचना चाहिए क्योंकि यह डायबिटीज रोगियों के लिए सबसे खराब खाद्य पदार्थों में से एक है. खाली पेट इसका सेवन करने से आपको ग्लूकोज का स्तर कम होने का खतरा हो सकता है. लोगों के लिए शराब के सेवन से बचना या सीमित करना आवश्यक है, क्योंकि अगर आपका शुगर कम हो जाता है तो यह एक खतरनाक स्थिति हो सकती है.
6.ज्यादा नमक
नमक से भरपूर खाद्य पदार्थों को डायबिटीज की बीमारी में सबसे खराब भोजन और हाई ब्लड प्रेशर का एक प्रमुख कारण माना जाता है. यहां तक कि किसी को डायबिटीज हो या नहीं लेकिन लोगों को अपनी डेली डाइट में सोडियम का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए. यहां आपको बता दें कि अधिक नमक का मतलब खाने से अलग स्नैक्स जैसे आलू के चिप्स, फ्रेंच फ्राइज और अन्य खाद्य पदार्थों से है. ये आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं और आपको इनसे बचना चाहिए.