हर महिला चाहती है कि वह कभी ना कभी मां बनें. लेकिन कई बार महिलाओं को कंसीव करते समय कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कंसीव करने के लिए कई चीजें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं जिसमें से एक एग्स की क्वॉलिटी भी है. महिलाओं में जब एग्स की क्वॉलिटी अच्छी होती है तो आसानी से कंसीव किया जा सकता है लेकिन जब एग्स की क्वॉलिटी अच्छी नहीं होती तो कंसीव करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो एग्स की क्वॉलिटी को प्रभावित कर सकती हैं जिससे महिलाओं का मां बनने का सपना सिर्फ सपना ही रह सकता है. हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो महिलाओं में एग्स की क्वॉलिटी को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं जिस कारण उन्हें मां बनने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
महिलाओं में एग्स की क्वॉलिटी पर बुरा असर डालती हैं ये चीजें
पर्यावरण- हवा में मौजूद केमिकल्स हमारी सेहत के लिए तो खराब होते ही हैं साथ ही ये महिलाओं में एग्स की क्वॉलिटी को भी बुरी तरह से प्रभावित करते हैं. पॉल्यूशन और फैक्ट्रियों से निकलने वाले हानिकारक केमिकल्स के संपर्क में आने से सीमन के पैरामीटर पर भी काफी बुरा असर पड़ता है. तो अगर आप फैमिली स्टार्ट करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो जरूरी है कि आप इन खतरनाक केमिकल्स से बचें और कोशिश करें कि इनके संपर्क में ना आएं.
स्ट्रेस- स्ट्रेस से भी आपके एग्स की क्वॉलिटी पर काफी बुरा असर पड़ता है. बहुत सी स्टडीज में यह पाया गया है कि स्ट्रेस लेने से प्रेग्नेंसी के चांसेस काफी कम हो जाते हैं. बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेने के कारण हमारे शरीर से कोर्टिसोल नाम का स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होता है. महिलाओं में ये स्ट्रेस हार्मोन दिमाग और ओवरीज के बीच के उस सिग्नल को बाधित करता है जो ओव्यूलेशन को बढ़ाता है. हर व्यक्ति को कभी ना कभी स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है. अगर आप कुछ समय के लिए परेशान हैं तो इससे आपके कंसीव करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता लेकिन अगर आप लंबे समय से स्ट्रेस में हैं तो इससे आपका ओव्यूलेशन डिस्टर्ब हो सकता है.
उम्र- उम्र बढ़ने के साथ-साथ फर्टिलिटी कम होने लगती है. उम्र बढ़ने पर फ्री ऑक्सीजन रेडिकल्स हमारे शरीर में इकट्ठा होने लगते हैं. ऐसे में सप्लीमेंट्स के जरिए एंटीऑक्सीडेंट्स लेने, हेल्दी डाइट फॉलो करने और रोजाना एक्सरसाइज करने से इन फ्री ऑक्सीजन रेडिकल्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
थायरॉइड हेल्थ- फर्टिलिटी मैनेजमेंट के लिए आपकी थायरॉइड हेल्थ काफी अहम भूमिका निभाती है. कई स्टडीज में ये बात सामने आई है कि जिन महिलाओं में थायरॉइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (TSH) का लेवल ज्यादा होता है, उनकी एग्स की क्वॉलिटी पर भी इसका बुरा असर पड़ता है. थायरॉइड की समस्या से निपटने के लिए मार्केट में कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं. इसके अलावा आयोडीन, सेलेनियम और जिंक की मदद से भी आप थायरॉइड के लेवल को कम कर सकते हैं.
एग की क्वॉलिटी खराब होने के ये हैं कारण
एग्स की खराब क्वॉलिटी का मुख्य कारण उम्र है. जब महिलाएं 30 वर्ष की होती हैं, तो ओवेरियन रिजर्व में एग्स की मात्रा 60 फीसदी तक कम हो जाती है. जब महिलाओं की उम्र बढ़कर 40 होती है तो 80 फीसदी एग्स डैमेज हो जाते हैं. ओवेरियन रिजर्व में एग्स की कम मात्रा एग्स की खराब क्वॉलिटी के प्रमुख कारणों में से एक है. सबसे बड़ा अंतर ये है कि 20 साल की एक लड़की की ओवरी में 80 से 90 फीसदी तक एग्स हेल्दी होते हैं जबकि 40 साल की महिला की ओवरी में सिर्फ 20 फीसदी तक ही एग्स हेल्दी होते हैं.
एग्स की संख्या और हेल्दी एग्स का रेट घटने के कारण भी फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है. उम्र के अलावा, कुछ बीमारियां जैसे- ओवेरियन सिस्ट, इम्यूनोलॉजिकल डिसऑर्डर, मोटापा, कुछ खास प्रकार की दवाइयों, स्मोकिंग, शराब और अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से भी एग्स की क्वॉलिटी पर काफी बुरा असर पड़ता है.