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उठते-बैठते समय घुटने की हड्डी से आती है आवाज? इग्नोर करना हो सकता है खतरनाक

बदलते लाइफस्टाइल के चलते आजकल युवा भी घुटनों में दर्द की समस्या से पीड़ित हैं. बहुत से युवाओं की शिकायत रहती है कि उन्हें चलने, बैठने और बैठकर उठने के दौरान घुटनों में दर्द और आवाज आने की समस्या का सामना करना पड़ता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप इस समस्या को आम समझने की गलती ना करें.

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उठते-बैठते समय घुटने की हड्डी से आवाज आने का कारण (pc: getty images)
उठते-बैठते समय घुटने की हड्डी से आवाज आने का कारण (pc: getty images)

आजकल के समय में नौजवानों में भी घुटने के दर्द के मामले सामने आ रहे है. इस समस्या का सामना 25 से 23 साल के युवाओं को काफी ज्यादा करना पड़ रहा है खासकर सीढ़ियां चढ़ने और उतरने के दौरान, उकड़ू बैठने या घुटने टेकने और लंबी दूरी तक गाड़ी चलाने के दौरान. घुटनों में दर्द के साथ ही चलते या बैठकर खड़े होने पर घुटनों से आवाज आने की समस्या का भी सामना करना पड़ता है. कई बार लोग घुटनों से आवाज आने की इस समस्या को काफी आम समझ बैठते हैं लेकिन यह किसी गंभीर समस्या का एक कारण हो सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से. 


क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि घुटनों में से आवाज आने की समस्या को कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला (chondromalacia of patella) कहा जाता है.  इस स्थिति में घुटने की कैप जिसे नीकैप कहा जाता है, उसमें अंदर की तरह के कार्टिलेज में मुलायमपन आ जाता है. जिससे घुटनों में आगे की तरफ दर्द होता है. कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला में नीकैप जांघ की हड्डी जिसे फीमर कहा जाता है के ऊपर चढ़ जाती है और घिसने लगती है. जिसके कारण कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला या रनर्स नी की समस्या होती है. कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला की समस्या युवाओं और एथलेटिक में होना काफी सामान्य है.


कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला के लक्षण

घुटनों के सामने या साइड वाले हिस्से में दर्द होना. कई बार दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि जमीन पर बैठने और सीढ़िया चढ़ने में दिककत होने लगती है. 

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घुटनों को हिलाने पर आवाज का आना

घुटने और जोड़ों में सूजन का आना


कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला के कारण

मांसपेशियों का कमजोर होना

पैरों को बाहर और अंदर की तरफ घुमाने के लिए जिम्मेदार मांसपेशियों में असंतुलन.

दौड़ते, कूदने के कारण घुटनों के जोड़ों में तनाव आना.

नीकैप में ट्रॉमा.

नीकैप में चोट लगने के कारण वह अपनी जगह से हट सकती है जिस कारण भी कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला के समस्या का सामना करना पड़ सकता है. 


मूवमेंट ना होना है बड़ा कारण

युवाओं में शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण और लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने कारण इस समस्या का सामना करना पड़ता है. इस समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना घुटने से जुड़ी एक्सरसाइज करें खासतौर पर स्ट्रेचिंग. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अक्सर उन युवाओं को भी घुटनों में दर्द का सामना करना पड़ता है जो अचानक से वर्कआउट करना शुरू कर देते हैं. अचानक से वर्कआउट शुरू करने की स्थिति में आपकी मसल्स पूरी तरह से तैयार नहीं होती. मसल्स में लचीलापन ना होने के कारण अचानक वर्कआउट शुरू करने से घुटनों में दर्द की समस्या होने लगती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि घुटने शरीर का सबसे अहम हिस्सा होते हैं. यह हमारे पूरे शरीर के भार को उठाने का काम करते हैं.

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क्या है इस समस्या का इलाज?

आमतौर पर कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला का सामना घुटने में लगी किसी पुरानी चोट या कार्टिलेज में कमजोरी के कारण करना पड़ सकता है. इसके लिए डॉक्टर को दिखाना काफी जरूरी होता है. कुछ मरीजों को इसके लिए एक्स-रे और एमआरआई स्कैन (MRI Scan) की जरूरत भी पड़ती है. इस समस्या को साधारण इलाज और एक्सरसाइज के जरिए ठीक किया जा सकता है. अगर किसी व्यक्ति को दर्द का सामना काफी ज्यादा करना पड़ रहा है तो इसके लिए घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी भी की जाती है. हालांकि ऐसा काफी रेयर मामलों में होता है. अधिकतर स्थितियों में दवाई और एक्सरसाइज के जरिए ही इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. 


इन बातों का रखें ख्याल- 

भार उठाने से बचें- अगर आपको घुटनों में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो जरूरी है कि आप अत्यधिक मात्रा में भार उठाने से बचे.  इससे घुटने के जोड़ों में स्‍ट्रेच हो सकता है.

विटामिन डी लें- विटामिन डी हड्डियों के लिए काफी जरूरी माना जाता है. सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स है. ऐसे में रोजाना 30 मिनट के लिए धूप में जरूर बैठें. 

हेल्दी डाइट लें- जरूरी है कि आप अपनी डाइट में फलों, सब्जियों, नट्स आदि चीजों को शामिल करें. नट्स ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं.

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