व्लॉग में भारती ने भावुक होकर बताया, 'गुड मॉर्निंग! सुबह के करीब 6 बजे अचानक सब गीला-गीला हो गया. डॉक्टर को फोन किया, तो उन्होंने कहा कि मेरा बेबी बैग यानी वॉटर बैग फट गया है और तुरंत हॉस्पिटल आना होगा. मुझे बहुत डर लग रहा था, कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. रात भर से मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था, समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है. सुबह ऐसा लगा जैसे अचानक पेशाब निकल गया हो, पूरी बेडशीट और कपड़े सब गीले हो गए. मेरी फीलिंग वही थी, बस मैं आपसे शेयर कर रही हूं.'
क्या होता है वॉटर बैग टूटना?
प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चा गर्भ में एक थैली में रहता है, जिसे एमनियोटिक सैक कहा जाता है. इस थैली में मौजूद एमनियोटिक फ्लूइड बच्चे को सुरक्षा देता है. जब ये थैली फट जाती है और पानी वैजाइना के रास्ते बाहर आने लगता है, तो इसे वॉटर ब्रेक होना कहा जाता है. ये इस बात का संकेत होता है कि डिलीवरी जल्द होने वाली है.
वॉटर ब्रेक होने पर कैसा महसूस होता है?
हर महिला के लिए वॉटर ब्रेक होने का अनुभव अलग-अलग हो सकता है. कुछ महिलाओं को अचानक तेज पानी निकलने का एहसास होता है, जबकि कुछ को धीरे-धीरे पानी रिसता हुआ महसूस होता है. कई बार ये बिना किसी दर्द के होता है और महिलाओं को समझ ही नहीं आता कि ये पेशाब है या एमनियोटिक फ्लूइड. खास बात ये है कि एमनियोटिक फ्लूइड को रोका नहीं जा सकता.
कैसे पहचानें कि वॉटर बैग टूटा है या पेशाब है?
एमनियोटिक फ्लूइड आमतौर पर साफ या हल्का पीला होता है और उसमें कोई गंध नहीं होती, जबकि पेशाब का रंग गहरा पीला और उसमें तेज गंध होती है. अगर फ्लूइड लगातार निकलता रहे और आप उसे रोक न पाएं, तो ये वॉटर ब्रेक हो सकता है. ऐसे में बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है.
वॉटर ब्रेक होने के बाद क्या होता है?
ज्यादातर मामलों में वॉटर बैग टूटने के बाद 24 घंटे के भीतर लेबर पेन शुरू हो जाता है. अगर महिला पहले से लेबर में नहीं है, तब भी डॉक्टर उसे अस्पताल बुलाकर उसे निगरानी में रखते हैं. क्योंकि एमनियोटिक फ्लूइड के बाहर निकलने के बाद बच्चे को इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है.
क्या वॉटर बैग समय से पहले भी टूट सकता है?
अगर आपके मन में भी ये सवाल उठता है तो इसका जवाब हां है. कुछ मामलों में वॉटर बैग 37 हफ्ते से पहले भी टूट सकता है, जिसे प्रीमैच्योर रप्चर ऑफ मेम्ब्रेन कहा जाता है. ऐसे में डॉक्टर मां और बच्चे की कंडीशन को देखकर इलाज तय करते हैं. कई बार डिलीवरी टालने के लिए दवाएं दी जाती हैं ताकि बच्चे के फेफड़े और दिमाग पूरी तरह डेवलप हो सकें.
वॉटर ब्रेक होने पर डॉक्टर को कब कॉल करें?
अगर वॉटर ब्रेक के साथ बुखार, बदबूदार फ्लूइड, खून आना या बच्चे की मूवमेंट में कमी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर को जानकारी देनी चाहिए. डॉक्टर फ्लूइड की मात्रा, रंग और समय के आधार पर आगे का प्रोसेस तय करते हैं.
भारती सिंह का एक्सपीरियंस यही सिखाता है कि वॉटर बैग टूटना भले ही आपको डरा दे, लेकिन ये डिलीवरी का एक नेचुरल प्रोसेस है. सबसे जरूरी है कि घबराने की बजाय समय पर डॉक्टर से संपर्क किया जाए और खुद को शांत रखा जाए.


