scorecardresearch
 

शुरू से ही बच्चों को खाने में दें ये चीजें, तभी शरीर और दिमाग दोनों रहेगा दुरुस्त

बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सही खान-पान बेहद जरूरी होता है. ऐसे में पेरेंट्स का रोल काफी अहम हो जाता है. यह पेरेंट्स और घर के बड़ों की जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को हेल्दी खाना खाने के लिए गाइड करें. अगर बचपन में सही खाने-पीने की आदत पड़ जाती है, तो ऐसे बच्चे आगे चलकर हेल्दी, एनर्जेटिक और खुशहाल इंसान बनते हैं.

Advertisement
X
healthy diet to children- Freepik
healthy diet to children- Freepik

बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सही खान-पान बेहद जरूरी होता है. बच्चे जो खाना बचपन में खाते हैं, उसका असर काफी लंबे समय तक उनकी हेल्थ पर पड़ता है. बचपन वह समय होता है जब बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है. ऐसे में पेरेंट्स का रोल काफी अहम हो जाता है. यह पेरेंट्स और घर के बड़ों की जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को हेल्दी खाना खाने के लिए गाइड करें. अगर बचपन में सही खाने-पीने की आदत पड़ जाती है, तो ऐसे बच्चे आगे चलकर हेल्दी, एनर्जेटिक और खुशहाल इंसान बनते हैं. 

खाने-पीने में बच्चों के रोल मॉडल होते हैं पेरेंट्स

एक्सपर्ट का कहना है कि ज्यादातर बच्चों की खाने-पीने की आदत अपने पेरेंट्स से ही आती हैं. रिसर्च से पता चला है कि जिन बच्चों को डेली बेसिस पर हेल्दी फूड दिया जाता है, उन्हें वक्त के साथ हेल्दी डाइट लेने की आदत पड़ जाती हैं. पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चे को हर तरह के फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन (कम वसा वाला प्रोटीन) और हेल्दी फैट खाने की आदत डालें. यह भी ध्यान रखें कि बच्चों का भोजन हेल्दी होने के साथ-साथ टेस्टी भी हो.

खाने-पीने के मामले में आप अपने बच्चों का रोल मॉडल बने. बच्चों में अपने पेरेंट्स की खान-पान की आदत को नकल करने की ज्यादा संभावना होती है. अपने बच्चों से खाना बनाने में भी हेल्प लेनी चाहिए और उन्हें बातों-बातों में हेल्दी फूड के बारे में बताते रहना चाहिए.

Advertisement

भोजन से मिलने वाले न्यूट्रिशन के बारे में बच्चों को बताना चाहिए

हेल्दी डाइट देने के साथ-साथ बच्चों को उस भोजन से मिलने वाले न्यूट्रिशन के बारे में भी बताना चाहिए. बच्चों को हेल्दी डाइट के बारे में बताने में स्कूल भी अहम रोल निभा सकता है. यहां बच्चों को आसानी से सिखाया जा सकता है कि किस प्रकार खाने का असर हमारी एनर्जी, मूड और ओवरऑल हेल्थ पर पड़ता है. ऐसे में स्कूल में ऐसे प्रोगाम रखे जा सकते हैं जो बच्चों को यह बताएं कि भोजन कहां से आता है. इसके लिए बच्चों को खेतों, फार्म हाउस, सब्जी के बगीचे में घुमाया जा सकता है. जहां उन्हें ये बताया जा सकता है कि ये फल सब्जियां कहां से आते हैं, इसमें क्या-क्या पाया जाता है.

जो बच्चे हेल्दी डाइट लेते हैं, वो कम बीमार पड़ते हैं

एक्सपर्ट का कहना है कि जो बच्चे बैलेंस डाइट लेते हैं, उनका इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है, ऐसे बच्चे मेंटली स्ट्रॉन्ग होते हैं और उनमें क्रोनिक डिसऑर्डर (लंबी बीमारी) जैसे- मोटापा, डायबिटीज, और दिल से जुड़ी बीमारियां कम होती हैं. इसके अलावा, हेल्दी डाइट काम करने की क्षमता को बढ़ाता है, एनर्जी बूस्ट करता है और मूड को अच्छा रखता है. प्रॉपर डाइट के साथ-साथ फिजिकल एक्टिविटी को भी अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए, इससे इंसान खुश और स्वस्थ रहता है.  

Advertisement

डाइट जो बच्चों को देनी चाहिए

बच्चों की संतुलित डाइट में ये चीजें शामिल करनी चाहिए-

1. फल
2. सब्जियां
3. दालें, फलियां, सीड्स
4. गेहूं, मक्का, जौ, चावल जैसे अनाज
5. मांस, मछली, अंडा
6. डेयरी में दूध, दही, पनीर

चपाती, पराठा, चावल, पोहा, ओट्स और बाजरा हमारे शरीर को धीरे-धीरे एनर्जी देते हैं, जिससे शरीर लंबे समय तक एनर्जेटिक रहता है. दूध, पनीर और दही प्रोटीन और कैल्शियम के मुख्य स्रोत हैं.  हालांकि, जिन बच्चों का वजन ज्यादा होता है, उन्हें कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट देने चाहिए.

खाना जो बच्चों को खाने से बचना चाहिए

बच्चों को ऐसी डाइट देने से बचना चाहिए जिसमें ज्यादा फैट, चीनी या नमक हो, जैसे:

1.बिस्कुट, पेस्ट्री, चॉकलेट और आइसक्रीम
2. पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फ़ूड 
3. बाहर का नाश्ता
4. चाय, काफी आदि

दूध और जूस

एक्सपर्ट का कहना है कि गाय का दूध एक साल की उम्र में दिया जा सकता है. दिमाग के विकास के लिए गाय का दूध 2 साल तक जरूरी माना जाता है. 2 साल बाद दूध में से फैट निकालकर देना चाहिए. बच्चों को पैकेज्ड जूस देने से बचना चाहिए क्योंकि उसमें चीनी की मात्रा ज्यादा होती है. इसकी जगह पूरा फल देना चाहिए क्योंकि इसमें फाइबर होता है जो कब्ज को दूर रखता है.

Advertisement

बच्चों के लिए फिजिकल एक्टिविटी

फिजिकल एक्टिविटी बच्चे को न सिर्फ स्वस्थ रहने में मदद करता है, बल्कि स्कूल में भी उसे सबसे आगे रखता है. एक्सपर्ट का कहना है कि 3 से 5 साल तक के बच्चों को हर दिन 3 घंटे कोई न कोई एक्टिव खेल खेलना चाहिए. जबकि 6 से 17 साल में कम से कम 1 घंटा फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए. हेल्दी डाइट के साथ फिजिकल एक्टिविटी अपनाने से इंसान हेल्दी और खुशहाल जीवन जीता है.
 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement