पेगासस विवाद ने देश की राजनीति में उबाल ला दिया है. जिस मॉनसून सत्र में किसान, कोरोना जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी थी. अब इस एक जासूसी कांड ने सभी मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया है और सिर्फ इसी पर चर्चा की मांग की जा रही है. इस बीच अब पेगासस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में पांच अगस्त को सुनवाई होने जा रही है. CJI एनवी रमना की बेंच इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सुनवाई करेगी.
पांच अगस्त से पेगासस पर कोर्ट में सुनवाई
कुछ दिन पहले वरिष्ठ पत्रकार एनवी राम और शशि कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. अपील की गई थी कि पेगासस विवाद में स्वतंत्र जांच हो. अब सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को स्वीकार कर लिया है और पांच अगस्त से सुनवाई शुरू होने जा रही है. खुद CJI एनवी रमना की बेंच इस केस की सुनवाई करेगी. इससे पहले देश के करीब 500 हस्तियों ने भी चीफ जस्टिस को इस मसले पर चिट्ठी लिखी थी और निष्पक्ष जांच कराने की अपील की थी.
सदन से सड़क तक सिर्फ इसी मुद्दे पर बवाल
जानकारी के लिए बता दें कि पेगासस एक इजरायली सॉफ्टवेयर है जिसके जरिए पूरी दुनिया के कई पत्रकार, नेता और बड़े उद्योगपतियों को निशाना बनाया गया था. भारत में भी करीब चालीस पत्रकार और कई बड़े नेताओं की जासूसी की बात सामने आई है. अब विपक्ष की तरफ से इसे एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बता दिया गया है. केंद्र जरूर खुद को इस विवाद से दूर रखने की कोशिश कर रहा है, लेकिन विपक्ष एकजुट है और सदन से लेकर सड़क तक सिर्फ इसी मुद्दे पर सरकार को घेरना चाहता है.
सिटिंग या रिटायर जज कीअध्यक्षता में जांच की मांग
ऐसे में पेगासस विवाद सिर्फ राजनीतिक गलियारों तक सीमित नहीं रहने वाला है, बल्कि देश की उच्चतम न्यायालय में भी इस पर तीखी बहस होती दिखेगी. याचिकाकर्ताओं की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के किसी सिटिंग या रिटायर जज कीअध्यक्षता में इस पूरे विवाद की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. अब याचिका को स्वीकार भी कर लिया गया है और पांच अगस्त से CJI एनवी रमना की बेंच इस पर सुनवाई भी करने जा रही है.