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'लड़की से दोस्ती, बिना मर्जी यौन संबंध बनाने का अधिकार नहीं देती', HC ने खारिज की बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी लड़की से दोस्ती का मतलब ये नहीं कि लड़के को उसकी मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बनाने का अधिकार मिल जाता है. कोर्ट ने एक नाबालिग से बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि नाबालिग का तथाकथित सहमति भी कानूनी रूप से मान्य नहीं है.

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दिल्ली हाई कोर्ट (File Photo: ITG)
दिल्ली हाई कोर्ट (File Photo: ITG)

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि सिर्फ दोस्ती के आधार पर कोई पुरुष किसी लड़की के साथ उसकी मर्जी के बिना यौन संबंध नहीं बना सकता. कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

जस्टिस गिरीश कथपालिया ने कहा है कि सिर्फ इसलिए कि लड़की ने दोस्ती की, इसका ये मतलब नहीं कि लड़के को जबरन संबंध बनाने की छूट मिल जाती है. कोर्ट ने यह भी साफ किया कि नाबालिग के मामले में सहमति भी कानूनन मान्य नहीं होती.

बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

कोर्ट ने एफआईआर में लड़की द्वारा लगाए गए आरोपों और उसकी गवाही पर भरोसा जताया. लड़की ने बताया कि आरोपी ने उसकी इच्छा के खिलाफ कई बार यौन शोषण किया. आरोपी ने दावा किया कि लड़की बालिग थी और दोनों की सहमति से संबंध बने, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.

लड़की के साथ उसकी मर्जी के बिना यौन संबंध बनाना अपराध

मामला अप्रैल 2023 का है, जब आरोपी विकासनगरी स्थित एनडीएमसी अपार्टमेंट्स में मजदूरी कर रहा था. इसी दौरान उसने लड़की से दोस्ती की और कथित रूप से रेप किया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी उसे डराकर चुप रहने को कहता रहा और नवंबर 2023 तक उसका यौन शोषण करता रहा. कोर्ट ने लड़की की उम्र को लेकर उसकी स्कूल की शैक्षणिक प्रमाणपत्रों को स्वीकार किया और कहा कि इस स्तर पर सबूतों की बारीकी से जांच नहीं की जा सकती.

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