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बाबरी मस्जिद केस: हाई कोर्ट से आडवाणी को बड़ी राहत, बरी के खिलाफ दायर याचिका खारिज

बाबरी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जहां पर लालकृष्ण आडवाणी समेत अन्य नेताओं को बरी करने का विरोध किया गया था.

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लालकृष्ण आडवाणी को हाई कोर्ट से राहत
लालकृष्ण आडवाणी को हाई कोर्ट से राहत

बाबरी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जहां पर लालकृष्ण आडवाणी समेत अन्य नेताओं को बरी करने का विरोध किया गया था. अयोध्या के ही दो मुस्लिम निवासियों ने बीजेपी नेता के बरी वाले आदेश का विरोध किया था, उनकी तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई थी. लेकिन उस मामले में लालकृष्ण आडवाणी समेत अन्य नेताओं को राहत मिली है.

याचिकाकर्ताओं का क्या तर्क था?

असल में सबसे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 32 लोगों को बरी कर दिया था. उस आदेश को फिर दो याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. तब कहा गया था कि जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, उस समय वे वहां पर मौजूद थे. उनके घरों को भी नुकसान पहुंचा था. ये भी आरोप लगाया गया था कि जांच एजेंसियों ने आरोपियों को बचाने का काम किया और सरकार द्वारा भी पीड़ित परिवारों की कोई मदद नहीं की गई. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 31 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सीबीआई की अदालत ने क्या कहा था?

अब बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ताओं की याचिका को खारिज कर दिया गया है. वैसे सीबीआई ने अपने पिछले आदेश में ही ये साफ कहा था कि मस्जिद को गिराने की कोई साजिश नहीं बनी थी और इसी वजह से आडवाणी समेत दूसरे नेताओं को बरी किया गया था. अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को सही बताया है और याचिका खारिज कर दी है.

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