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Funny Jokes: पत्नी बोली- पहले मेरा फिगर पेप्सी की बोतल की तरह था, पति का जवाब सुन हंस पड़ेंगे आप!

Viral Jokes: अच्छी सेहत और मन की शांति बनाए रहने के लिए हंसना-हंसाना बहुत जरूरी है. पढ़िए ये जबरदस्त, मजेदार, ठहाकेदार चुटकुले...

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Viral Hindi Jokes
Viral Hindi Jokes

Majedar Chutkule: ऐसा कहा जाता है कि जो इंसान हंसना-मुस्कुराता और खिलखिलाता रहता है उसकी सेहत अच्छी रहती है. इसीलिए हम आपके लिए कुछ मजेदार चुटकुले लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़कर आप खूब ठहाके लगाएंगे और गुदगुदाएंगे. 

> पत्नी- किचन से आलू ले आना.
पति- यहां तो कहीं आलू दिख नहीं रहे हैं.
पत्नी- मुझे पता था कि तुम्हें नहीं
मिलेंगे, इसलिए में पहले ही ले आई थी.
अब आदमी की कोई गलती हो
तो बताओ…


> पत्नी- हैलो! कहां हो?
पति- याद है, पिछली दीपावली पर हम एक
ज्वैलरी की दुकान में गये थे… जहां तुम्हें एक हार
पसंद भी आ गया था.
पत्नी- हां, याद आया…
पति- और उस समय मेरे पास पैसे नहीं थे.
पत्नी (खुशी से): हां हां याद है.
पति- और फिर मैंने कहा था कि ये हार एक दिन
मैं तुम्हें लेके दूंगा.
पत्नी- हां हां हां बहुत
अच्छी तरह से याद है.
पति- तो बस उसी की बगल वाली दुकान में
बाल कटवा रहा हूं, थोड़ा लेट आऊंगा.

ऐसे ही जोक्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

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> गटरू ने तेज गाड़ी चलाकर 25 लोगों को उड़ा दिया.
जज- तुमने 25 लोगों को उड़ा दिया,
तुम्हें अपनी सफाई में क्या कहना है ?
गटरू मैं गाड़ी तेज चला रहा था,
पर मैंने जब ब्रेक मारी तो पता चला कि
ब्रेक फेल है.
फिर मैंने सामने देखा तो 2 आदमी जा रहे थे, और
दूसरी ओर 1 बारात जा रही थी…
तो आप ही बताओं मैं गाड़ी किधर मोड़ता?
जज- सिम्पल सी बात है,
जिस तरफ 2 आदमी थे,
नुकसान कम होता…
गटरू- बिलकुल सही… मैंने भी यही सोचा…
पर वो 2 आदमी मेरी गाड़ी देखकर
बारात में घूस गये..

> पत्नी- पहले मेरा फिगर पेप्सी की बोतल की तरह था...
पति-वो तो अभी भी है.
पत्नी खुश होकर- सच
पति- हां, पहले 300 ML की थी…अब 2 Litre की है…

> 12 साल बाद आदमी जेल से छूटा
मैले कपड़ों में बहुत थका हुआ घर पहुंचा. 
घर पहुंचते ही बीवी चिल्लाई-कहां घूम रहे थे इतनी देर?
आपकी रिहाई तो 2 घंटे पहले ही हो गई थी ना?
वह आदमी वापस जेल चला गया.

(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा... ... गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी नहीं है.)

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